जम्मू-कश्मीर मुठभेड़ जारी,5 जवान शहीद
जम्मू कश्मीर: बारामूला
के करहामा
कुंजर इलाके
में मुठभेड़,
पुलिस और
सुरक्षा बल
मोर्चे पर
जुटे.
कर्नाटक चुनावः पीएम
नरेंद्र मोदी
6 मई यानी
आज बेंगलुरु
में करेंगे
मेगा रोड
शो
सीएम योगी आदित्यनाथ
आज दक्षिण
कन्नड़ और
उडुपी जिलों
में चुनावी
रैलियों को
करेंगे संबोधित
उद्धव ठाकरे आज
महाड़ में
एक रैली
को करेंगे
संबोधित
कर्नाटक के हुबली
जिले में
चुनावी रैली
को संबोधित
करेंगी सोनिया
गांधी
चार्ल्स तृतीय के
राज्याभिषेक समारोह में शामिल होंगे
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़
जेवलिन थ्रोअर नीरज
चोपड़ा ने
जीती दोहा
डायमंड लीग,
किरेन रिजिजू
ने दी
बधाई
बेंगलुरु से रेस्क्यू
कराई गईं
पहाड़िया जनजाति
की 11 नाबालिग,
लाई गईं
रांची
सीआरपीएफ के कोबरा
कमांडो की
मणिपुर चुराचांदपुर
(मणिपुर) में
उनके गांव
में गोली
मारकर हत्या.
डिस्काउंट मोदी बोले- कांग्रेस
का घोषणा पत्र तुष्टिकरण और प्रतिबंध के बारे में है, राजनीति को भी भ्रष्ट करने का
काम किया.
जम्मू-कश्मीर के
राजौरी में
खेसारी पहाड़ी
क्षेत्र में
आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच
मुठभेड़ जारी।
इस संयुक्त
अभियान में
5 जवान शहीद
हो गए।
यह मुठभेड़
शुक्रवार सुबह
7:30 बजे शुरू
हुआ। मीडिया
रिपोर्ट्स के मुताबिक- सेना ने
आतंकवादियों के 2-3 ग्रुप्स को इस
इलाके में
घेर रखा
है। ये
वही आतंकी
हैं, जो
पुंछ में
सेना के
ट्रक पर
अटैक में
शामिल थे।
दोनों ओर
से फायरिंग
हो रही
है। इसी
दौरान आतंकवादियों
ने ब्लास्ट
किया, जिसमें
आर्मी जवान
शहीद हो
गए। एनकाउंटर
करीब 9 घंटे
से जारी
है। डीजीपी
दिलबाग सिंह
और एडीजीपी
जम्मू मुकेश
सिंह मौके
पर मौजूद
हैं।
सुरक्षा को ध्यान
में रखते
हुए राजौरी
इलाके में
इंटरनेट सेवाएं
बंद कर
दी गई
हैं। मीडिया
रिपोर्ट्स के मुताबिक- पुलिस, सेना
और सीआरपीएफ
की एक
संयुक्त टीम
ने क्षेत्र
में आतंकवादियों
की मौजूदगी
के बारे
में विशेष
सूचना पर
तलाशी अभियान
चलाया। इस
दौरान जैसे
ही संयुक्त
टीमें संदिग्ध
स्थान पर
पहुंचीं, छिपे
हुए आतंकवादियों
ने उन
पर गोलीबारी
शुरू कर
दी, जवाबी
कार्रवाई करते
हुए मुठभेड़
शुरू हो
गई। मुठभेड़
में आतंकियों
के भी
ढेर होने
की खबर
है।
शरद पवार ने
एनसीपी (NCP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद
से इस्तीफा
वापस ले
लिया। उन्होंने
प्रेस कॉन्फ्रेंस
में घोषणा
करते हुए
कहा, "मैं आपकी भावनाओं का
अपमान नहीं
कर सकता।
मैं भावुक
हो गया
हूं और
अपना फैसला
वापस ले
रहा हूं।"
साथ ही
कहा कि
2 मई को
मैंने एनसीपी
के अध्यक्ष
पद से
इस्तीफा देने
का निर्णय
लिया था।
ऐसा लगा
था कि
मेरी कई
सालों की
सेवा के
बाद मुझे
रिटायर होना
है।
अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान
के आने
के बाद
महिलाओं पर
पाबंदियां लगीं.इसी वजह से
उसे विदेशों
से मिलने
वाली आर्थिक
मदद बंद
हो चुकी
है. इसका
ख़ामियाज़ा वो बच्चे भुगत रहे
हैं जो
खस्ताहाल अस्पतालों
में दवाइयों
और ट्रेंड
स्टाफ़ की
कमी की
वजह से
दम तोड़
रहे हैं.
विधानसभा चुनाव से
4 दिन पहले
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिर पहुंचे
कर्नाटक। पीएम
बीते 8 दिनों
में 29-30 अप्रैल और 2-3 मई को
12 से ज्यादा
जनसभाएं और
रोड शो
कर चुके
हैं। शुक्रवार
को बेल्लारी
में 13वीं
सभा की।
उन्होंने अपने
स्पीच की
शुरुआत एक
बार फिर
बजरंगबली के
जयकारे के
साथ की।
PM बोले- कांग्रेस
को तो
मेरे बजरंगबली
बोलने से
भी आपत्ति
है। उन्होंने
केरल स्टोरी
फिल्म की
भी चर्चा
की और
कहा- बीते
कुछ साल
में आतंकवाद
का एक
और भयानक
स्वरूप पैदा
हो गया
है। आतंकी
बम, बंदूक
और पिस्तौल
के बजाय
समाज को
भीतर से
खोखला कर
रहे हैं।
केरल स्टोरी
कुछ ऐसी
ही कहानी
पर आधारित
है। साथ
ही, कांग्रेस
पर फिल्म
के विरोध
का आरोप
लगाया।
दिल्ली की तिहाड़
जेल में
2 मई को
गैंगस्टर टिल्लू
ताजपुरिया के मर्डर का नया
CCTV फुटेज सामने आया। इसमें 9 पुलिसकर्मियों
के सामने
ही कैदी
ताजपुरिया पर नुकीले हथियार से
हमला करते
दिख रहे
हैं। शुरुआत
में तो
कुछ पुलिसकर्मियों
ने कैदियों
को रोका,
लेकिन कुछ
देर बाद
पीछे हट
गए। तिहाड़
के अफसरों
ने बताया
कि हत्या
जितेंद्र गोगी
गैंग के
योगेश टुंडा,
दीपक, राजेश
और रियाज
खान ने
की। टिल्लू
हाई सिक्योरिटी
वार्ड में
बंद था,
जहां उस
पर नुकीले
हथियार से
100 से ज्यादा
बार हमला
किया गया।
शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन
(SCO) की बैठक
में पाकिस्तानी
विदेश मंत्री
बिलावल भुट्टो
और भारतीय
विदेश मंत्री
एस जयशंकर
के बीच
हुई मुलाकात।
जयशंकर ने
नमस्ते किया
तो बिलावल
ने भी
हाथ जोड़े।
बिलावल भुट्टो
से मिलने
के 10 मिनट
बाद ही
विदेश मंत्री
एस जयशंकर
ने आतंकवाद
का मुद्दा
उठाया। उन्होंने
कहा- आतंकवाद
दुनिया के
लिए बड़ा
खतरा है।
इसे किसी
भी तरह
से सही
नहीं ठहराया
जा सकता
है।
मणिपुर में बुधवार
को आदिवासियों
के प्रदर्शन
के बाद
भड़की हिंसा
थमी। पुलिस
के मुताबिक,
हालात अब
ठीक हैं,
लेकिन 8 जिलों
में कर्फ्यू
जारी है।
दंगाइयों को
देखते ही
गोली मारने
के आदेश
दिए गए
हैं। साथ
ही मणिपुर
जाने वाली
ट्रेनों को
रोक दिया
गया है।
अब तक
राज्य में
11 हजार से
ज्यादा लोगों
को राहत
कैंपों में
शिफ्ट किया
गया है।
ऑल इंडिया ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन ने बुधवार को ट्राइबल सॉलिडेरटी मार्च बुलाया था।
इसी दौरान आदिवासी और गैर-आदिवासी समुदायों में झड़प हो गई। आदिवासी समुदाय उस मांग
का विरोध कर रहा था, जिसमें डिमांड की जा रही है कि गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को शेड्यूल
ट्राइब (ST) का दर्जा दिया जाए। मैतेई एक गैर-आदिवासी समुदाय है। यह मणिपुर की आबादी
का 53% हिस्सा है। मुख्य रूप से इस समुदाय के लोग मणिपुर घाटी में रहते हैं। ये पिछले
10 साल से अपने समुदाय को ST स्टेटस दिए जाने की मांग कर रहे हैं।
सॉफ्टबैंक-बैक्ड ई-कॉमर्स यूनिकॉर्न
मीशो (Meesho) ने एक बार फिर
से 251 कर्मचारियों
को नौकरी
से निकाल
दिया है,
जो कि
उसके कुल
वर्क फोर्स
का 15% हैं।
कंपनी की
वित्तीय सेहत
सुधारने और
खर्चों में
कटौती को
ध्यान में
रखते हुए
ये फैसला
लिया गया
है।
मुरैना के लेपा
भिसोडा गांव
में परिवार
के 6 लोगों
की गोली
मारकर हत्या
कर दी
गई। पुलिस
ने बताया
कि गांव
के 2 परिवारों
के बीच
पिछले 10 साल
से रंजिश
चल रही
है। 3 पुरुष
और 3 महिलाएं
मारी गई
हैं, सभी
एक ही
परिवार के
हैं। 3 लोग
घायल हैं।
दोनों परिवारों
के बीच
2013 से घूरे
पर कूड़ा
डालने को
लेकर विवाद
चल रहा
है।
भारतीय कुश्ती संघ
(WFI) के अध्यक्ष
बृजभूषण शरण
सिंह की
गिरफ्तारी को लेकर पहलवानों का
धरना 13वें
दिन भी
जारी है।
इस बीच
लखनऊ में
केंद्रीय खेल
मंत्री अनुराग
ठाकुर ने
कहा कि
जहां तक
खिलाड़ियों के मांगों का सवाल
है मैं
यही कहूंगा
कि निष्पक्ष
चुनाव की
बात कही
थी, IOA वो
भी करवाने
वाला है।
एक कमेटी
के गठन
की बात
थी, वो
भी कर
दी गई
है। उन्होंने
कहा कि
दिल्ली पुलिस
ने FIR भी
दर्ज कर
ली है।
मेरा खिलाड़ियों
से अनुरोध
है कि
जांच पूरी
होने दें।
तभी दूध
का दूध
और पानी
का पानी
होगा।
पाकिस्तान के खैबर
पख्तूख्वा प्रांत के खुर्रम जिले
में फायरिंग
सात लोगों
की मौत।
यह वारदात
पाकिस्तान के एक स्कूल के
स्टाफ रूम
में हुई।
फायरिंग में
सात टीचरों
की जान
चली गई।
इसके अलावा
पाकिस्तान के दो अन्य जगहों
पर भी
फायरिंग की
घटना सामने
आई है
जिसमें दो
टीचर और
6 सैनिकों की जान चली गई।
महाराष्ट्र के पुणे
में DRDO के
साइंटिस्ट को पाकिस्तानी एजेंट को
खुफिया जानकारी
देने का
आरोप। आतंकवाद
रोधी दस्ते
(ATS) ने वैज्ञानिक
को गिरफ्तार
किया। ATS के अधिकारी के मुताबिक,
साइंटिस्ट प्रदीप कुरूलकर व्हाट्सएप, वॉयस
मैसेज और
वीडियो कॉल
के जरिए
पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव के एजेंट
के कांटेक्ट
में था।
दावा किया
जा रहा
है कि
यह हनीट्रैप
का मामला
है।
तुर्की के छह विपक्षी दलों ने 14 मई को राष्ट्रपति और संसदीय चुनावों के लिए एकजुट होकर विपक्षी नेता केमल किलिकडारोग्लू को अपने विपक्षी गठबंधन का उम्मीदवार चुना है.राष्ट्रपति अर्दोआन के शासन में तुर्की निरंकुश हो गया है और विपक्ष इसमें तब्दीली लाने की कोशिश कर रहा है.तुर्की में बढ़ती महंगाई और दोहरे भूकंप से 50 हज़ार से ज़्यादा मौतों के बाद राष्ट्रपति अर्दोआन कमज़ोर पड़ते दिख रहे हैं. 14 मई को चुनाव में किसी भी उम्मीदवार को यदि आधे से ज़्यादा वोट मिलते हैं, वह एकमुश्त विजेता होगा. अगर असफल हुए तो दोबारा चुनाव दो सप्ताह के बाद हो पाएगा. सालों तक तुर्की में वोटर्स का ध्रुवीकरण हुआ है, लेकिन 69 वर्षीय अर्दोआन दबाव में हैं. ओपिनियन पोल से पता चलता है कि राष्ट्रपति पद के लिए उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी के पास अच्छी बढ़त है.अर्दोआन जिस एके पार्टी से संबंध रखते हैं वो साल 2002 से सत्ता में है और खु़द 2003 से सत्ता के शीर्ष पर बने रहे हैं.60 लाख नए युवा वोटरों ने अर्दोआन के अलावा किसी और नेता को सत्ता में नहीं देखा है.शुरुआत में अर्दोआन प्रधानमंत्री थे, फिर साल 2016 में राष्ट्रपति बन गए. अब वे एक विशाल भवन में बैठकर पूरा देश चलाते हैं.तुर्कों की बढ़ती आबादी ने उन्हें महंगाई के लिए दोषी ठहराया है, क्योंकि वो अपरंपरागत तरीके से ब्याज़ के दरों को बढ़ाने से इनकार करते रहे हैं. आधिकारिक मुद्रास्फीति की दर 50% से ऊपर है, लेकिन शिक्षाविदों का कहना है कि यह वास्तव में 100% से ज़्यादा है.राष्ट्रपति अर्दोआन की सरकार की दो भूकंपों के बाद हालातों से निपटने के तरीकों के लिए आलोचना की गई है.इस साल 6 फ़रवरी को आए दोहरे भूकंप से हुई तबाही के बाद मलबे में दबे लोगों की खोजबीन और लोगों के बचाव के तरीके को लेकर अर्दोआन और उनकी सत्तारूढ़ पार्टी की आलोचना हुई थी.इसके साथ ही उनकी सरकार तुर्की में सालों तक कंस्ट्रक्शन की सही व्यवस्था को अपनाने और लागू करने में भी विफल रही है.भूकंप से प्रभावित 11 प्रांतो में लाखों तुर्क नागरिक बेघर हो गए. चूंकि कई इलाको में अर्दोआन की पार्टी के गढ़ के तौर पर देखा जाता है. इसलिए देश का पूर्वी इलाका जीत और हार तय सकता है.उनकी एके पार्टी की राजनीति इस्लाम की तरफ झुकी है, लेकिन उन्होंने अति-राष्ट्रवादी पार्टी एमएचपी के साथ गठबंधन किया है.74 साल के केमल किलिकडारोग्लू एक एक विनम्र और पढ़े-लिखे छवि के प्रतिद्वंद्वी के तौर पर सामने हैं.तुर्की की मुख्य विपक्षी पार्टी रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी (सीएचपी) को कई चुनावों में हार मिली जिसकी अगुवाई केमल ही कर रहे थे.लेकिन इस बार हालात अलग हो सकते हैं क्योंकि वह छह विपक्षी दलों के लिए गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में लड़ रहे हैं, जिसमें उनकी अपनी वामपंथ की ओर झुकाव वाली पार्टी और राष्ट्रवादी गुड पार्टी से लेकर चार छोटे समूह शामिल हैं. इनमें अर्दोआन के दो सहायक समूह भी हैं. इन सहायक समूहों ने अर्दोआन की एके पार्टी की स्थापना में मदद की थी.केमल किलिकडारोग्लू को तुर्की की दूसरी सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी एचडीपी का स्पष्ट समर्थन हासिल है. इस पार्टी के नेता इस चुनाव को 'तुर्की के इतिहास के लिए महत्वपूर्ण' बताया है.क्योंकि पार्टी पर कुर्दिश चरमपंथियों से संबंध के एक अदालती मामले की वजह से, वो ग्रीन लेफ्ट के बैनर तले संसद जाने के रास्ते तलाश रही है और राष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार नहीं उतार रही है.केमल किलिकडारोग्लू का राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के चुनाव में सबसे प्रभावशाली नहीं थे, क्योंकि इस्तांबुल और अंकारा के मेयर उनसे मज़बूत उम्मीदवार थे.केमल किलिकडारोग्लू एक पूर्व सिविल सेवक हैं जो अल्पसंख्यक अलेवी समुदाय आते हैं. उन्होंने 2017 में न्याय के लिए 24 दिवसीय मार्च का नेतृत्व किया था. इस मार्च को अर्दोआन के शासन के ख़िलाफ़ सबसे बड़े प्रदर्शन के तौर पर देखा गया.तुर्की में नेशन अलायंस की छह पार्टियों के गठबंधन को 'टेबल ऑफ़ सिक्स' के तौर पर भी जाना जाता है.'टेबल ऑफ़ सिक्स' राष्ट्रपति अर्दोआन द्वारा बनाई गई राष्ट्रपति प्रणाली को बदलने के लिए इकट्ठा हुए हैं.इस प्रणाली को बदलने के लिए उन्हें जनमत संग्रह के प्रस्ताव लाने के लिए तुर्की के 600 सांसदों में से 400 या 360 सांसदों को अपने पक्ष में करना होगा या फिर चुनाव में इतनी सीटें लानी होगी.गठबंधन के अन्य पांच सदस्यों के नेताओं ने उप-राष्ट्रपति बनने की सहमति ज़ाहिर की है.तुर्की में ओपिनियन पोल हमेशा विश्वसनीय नहीं होते हैं. लेकिन केमल किलिकडारोग्लू के पहले राउंड में सीधे चुनाव जीतने की उम्मीदों को तब झटका लगा जब वाम झुकाव वाली पार्टी के एक पूर्व सहयोगी मुहर्रम इन्स ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों में शामिल होने का फै़सला किया.58 वर्षीय मुहर्रम इन्स 2018 में रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार थे. लेकिन केमल किलिकडारोग्लू के साथ दो साल बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दिया था. वह अब धर्मनिरपेक्ष राष्ट्रवादी होमलैंड पार्टी का संचालन करते हैं और उन्हें राष्ट्रपति अर्दोआन के इशारे पर विपक्षी वोट को काटने के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है.लेकिन सोशल मीडिया पर उनकी मजबूत उपस्थिति है. खासतौर से युवा वोटर टिकटॉक पर उनके डांस मूव्स से प्रभावित नज़र आते हैं.चुनाव में सफलता पाने की कम संभावना वाले एक और अति-राष्ट्रवादी उम्मीदवार सिनान ओगन हैं. लेकिन उनमें भी किंगमेकर बनने की क्षमता है.तुर्की की 600 सीटों वाली संसद में प्रवेश के लिए एक पार्टी को 7% वोट प्राप्त करने की आवश्यकता होती है, या ऐसा करने वाले गठबंधन का हिस्सा होना चाहिए.यही कारण है कि तुर्की में गठजोड़ इतना महत्वपूर्ण हो गया है, और छह दलों के विपक्ष ने इसे अपने प्रस्तावित सुधारों में से एक के तौर पर प्रचारित किया है.आनुपातिक प्रतिनिधित्व के तहत उम्मीदवारों के बजाय पार्टी को वोट देते हैं, इसलिए सीट संख्या गठबंधन के बजाय हर एक पार्टी के लिए डाले गए वोटों के आधार पर तय होती है.मुख्य विपक्षी राष्ट्रीय गठबंधन में चार छोटे दल, दो सबसे बड़े दल सीएचपी या राष्ट्रवादी गुड पार्टी के बैनर तले संसद पहुंचने के लिए चुनौती देंगे.सत्तारूढ़ एके पार्टी पीपुल्स अलायंस की पार्टी है, लेकिन इसके अलग-अलग दल अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं.कुर्दिश समर्थक पार्टी के बजाय ग्रीन लेफ्ट के लिए खड़े होने वाले उम्मीदवार छह दलीय लेबर एंड फ्रीडम अलायंस के हिस्सा हैं. छह में से एक को छोड़कर सभी पार्टियां ग्रीन लेफ्ट के बैनर तले चुनाव में होंगी.राष्ट्रपति अर्दोआन के बदलाव के बाद अब प्रधानमंत्री सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करता बल्कि राष्ट्रपति सरकार बनाते हैं.लेकिन अगर अर्दोआन की पीपुल्स अलायंस संसद में बहुमत हासिल करने में नाकाम होती है तो मौजूदा समय की तरह मनमाने ठंग से सरकार नहीं चला पाएंगे.अर्दोआन के समर्थन वाले पीपुल्स एलायंस के वर्तमान समय में 334 सांसद हैं.अर्दोआन राष्ट्रपति के तौर पर दो कार्यकाल पूरा कर चुके हैं और तीसरा कार्यकाल तुर्की के संविधान के नियमों के ख़िलाफ़ जाता प्रतीत होता है.लेकिन तुर्की के वाईएसके चुनाव बोर्ड ने फै़सला सुनाया कि उनका पहला कार्यकाल 2014 में नहीं बल्कि 2018 में शुरू होने के रूप में देखा जाना चाहिए, जब एक ही दिन संसद और राष्ट्रपति के चुनाव के साथ नई राष्ट्रपति प्रणाली शुरू हुई.किलिकडारोग्लू के नेतृत्व वाली नेशन अलायंस तुर्की की संसदीय प्रणाली को बहाल करना चाहती है और राष्ट्रपति प्रणाली में सुधार करना चाहती है.राष्ट्रप्रमुख के अधीन वीटो क़ानून का अधिकार हटाकर, पदों को राजनीतिक दलों से काटकर रखने और इस पद को सात सालों में चुनाव के योग्य बनाना चाहते हैं.राष्ट्रपति अर्दोआन के शासन के दौरान यूरोपीय संघ से तनावपूर्ण संबंधों के बाद गठबंधन की छह पार्टियां यूरोपीय संघ में शामिल होने और अमेरिका के साथ "पारस्परिक विश्वास" बहाल करने के लिए तुर्की की दशकों पुराने प्रयास की शुरुआत करना चाहती हैं.उन्होंने दो साल के भीतर मुद्रास्फीति को 10% से नीचे लाने और सीरियाई शरणार्थियों को वापस घर भेजने का वादा किया है. तुर्की में लगभग 36 लाख सीरियाई शरणार्थी रहते हैं.
पिछले 24 घंटों के
दौरान, पूर्वोत्तर
भारत, पश्चिम
बंगाल, छत्तीसगढ़,
मध्य प्रदेश,
मराठवाड़ा और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक
में हल्की
से मध्यम
बारिश हुई
तथा उत्तर
पंजाब, सिक्किम
और सौराष्ट्र
और कच्छ
में 1 या
2 स्थानों पर हल्की से मध्यम
बारिश हुई।अंडमान
और निकोबार
द्वीप समूह,
विदर्भ, मध्य
महाराष्ट्र, तटीय आंध्र प्रदेश और
तेलंगाना, ओडिशा में कुछ स्थानों
पर और
झारखंड और
बिहार के
एक या
दो स्थानों
पर हल्की
बारिश हुई।राजस्थान
के कुछ
हिस्सों में
हल्की बारिश
और धूल
भरी आंधी
चली।अगले 24 घंटों के दौरान, तमिलनाडु
और दक्षिण
आंतरिक कर्नाटक
में हल्की
से मध्यम
बारिश के
साथ कहीं-कहीं भारी
बारिश संभव
है।पूर्वोत्तर भारत, सिक्किम, आंध्र प्रदेश
के कुछ
हिस्सों, तेलंगाना
और मध्य
महाराष्ट्र में हल्की से मध्यम
बारिश हो
सकती है।पश्चिमी
हिमालय पर
एक या
दो मध्यम
बौछारों के
साथ छिटपुट
हल्की बारिश
हो सकती
है।उत्तर पश्चिमी
और पश्चिमी
राजस्थान में
हल्की बारिश
और धूल
भरी आंधी
चल सकती
है।पंजाब, हरियाणा, छत्तीसगढ़, ओडिशा, गंगीय
पश्चिम बंगाल,
केरल और
अंडमान और
निकोबार द्वीप
समूह में
हल्की बारिश
हो सकती
है।उत्तर पश्चिम,
मध्य और
पूर्वी भारत
में दिन
का तापमान
धीरे-धीरे
बढ़ सकता
है।
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