अप्रैल-जून तिमाही में निर्यात 24.51% बढ़कर 118.96 अरब डॉलर
भारत में गुरुवार
को मंकीपॉक्स
वायरस का
पहला केस
केरल में
सामने आया।
वहां की
स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने
तिरुवनंतपुरम में पत्रकारों को बताया,
"मंकीपॉक्स के पॉजिटिव केस रिकॉर्ड
किए गए
हैं। संक्रमित
व्यक्ति यूएई
से आया
है। संक्रमित
व्यक्ति 12 जुलाई को राज्य में
पहुंचा था।
डब्ल्यूएचओ और आईसीएमआर की ओर
से जारी
सभी गाइडलाइन्स
का पालन
किया जा
रहा है।
केरल सरकार
ने मंकीपॉक्स
को लेकर
गाइडलाइन जारी
की है।
संक्रमित व्यक्ति
की हालत
अभी स्थिर
है।
सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल-जून तिमाही में निर्यात 24.51% बढ़कर 118.96 अरब डॉलर रहा। आयात भी 49.47% बढ़कर 189.76 अरब डॉलर पहुंच गया।भारत का निर्यात (Export) जून 2022 में 23.52 फीसदी बढ़कर 40.13 अरब डॉलर हो गया. वहीं, जून में आयात (Imports) भी 57.55 फीसदी बढ़कर 66.31 अरब डॉलर हो गया.इस दौरान व्यापार घाटा यानी ट्रेड डेफिसिट (Trade Deficit) रिकॉर्ड 26.18 अरब डॉलर के स्तर पर रहा है. सरकार की ओर से गुरुवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है.आंकड़ों के मुताबिक, जून में वस्तुओं का आयात सालाना आधार पर 57.55 फीसदी के उछाल के साथ 66.31 अरब डॉलर पर पहुंच गया. इससे व्यापार घाटा बढ़कर रिकॉर्ड 26.18 अरब डॉलर हो गया है.चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही अप्रैल-जून में निर्यात 24.51 फीसदी बढ़कर 118.96 अरब डॉलर रहा है. वहीं इस दौरान आयात 49.47 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 189.76 अरब डॉलर पर पहुंच गया है.जून, 2021 में व्यापार घाटा 9.60 अरब डॉलर रहा था. वित्त वर्ष की पहली तिमाही में व्यापार घाटा बढ़कर 70.80 अरब डॉलर हो गया, जो 2021-22 की पहली तिमाही में 31.42 अरब डॉलर था.जब कोई देश निर्यात की तुलना में आयात ज्यादा करता है तो उसे व्यापार घाटा कहते हैं यानी वह देश अपने यहां ग्राहकों की जरूरत को पूरा करने के लिए वस्तुओं और सेवाओं का पर्याप्त प्रोडक्शन नहीं करता है तो उसे दूसरे देशों से आयात करना पड़ता है. इसके विपरीत अगर कोई देश आयात की तुलना में निर्यात ज्यादा करता है तो ट्रेड सरप्लस कहा जाता है.
आगामी 18 जुलाई से
संसद के
मानसून सत्र
की शुरुआत
होने जा
रही है
लेकिन इससे
पहले 'अंससदीय'
शब्दों को
लेकर विपक्ष
सरकार पर
हमलावर हो
गया है।
दरअसल, लोकसभा
सचिवालय ने
‘असंसदीय शब्द
2021’ शीर्षक के तहत ऐसे शब्दों
एवं वाक्यों
का नया
संकलन तैयार
किया है
जिन्हें ‘असंसदीय
अभिव्यक्ति’ की श्रेणी में रखा
गया है।
लोकसभा एवं
राज्यसभा में
बहस के
दौरान यदि
इन शब्दों
का इस्तेमाल
यदि सांसद
करेंगे तो
उन्हें ‘असंसदीय’
माना जाएगा
और उन्हें
सदन की
कार्यवाही का हिस्सा नहीं बनाया
जाएगा। इसे
लेकर विपक्ष
सरकार पर
हमलावर हो
गया है।
Unparliamentary शब्दों के विवाद
पर बोले ओम बिरला- किसी भी शब्द पर प्रतिबंध नहीं लगाया, हमने कागजों की बचत के लिए
इसे इंटरनेट पर डाला। लोकसभा सचिवालय ने असंसदीय शब्द 2021 शीर्षक के तहत ऐसे शब्दों
और वाक्यों की लिस्ट तैयार की है, जिन्हें ‘असंसदीय अभिव्यक्ति’ की श्रेणी में रखा गया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 15
जुलाई 22 को गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड, कोलकाता में प्रोजेक्ट
17ए फ्रिगेट दुनागिरी को हुगली नदी में लॉन्च करेंगे।
बोरिस जॉनसन के इस्तीफे के बाद
ब्रिटिश पीएम की रेस अब शुरू हो गई है। और इस रेस में भारतीय मूल के ऋषि सुनक ने पहला
पड़ाव, सबसे आगे रहकर पार कर लिया है। एलिमिनिशेन राउंड की दूसरी दौर की वोटिंग में
भी ऋषि सुनक 101 वोट के साथ सबसे आगे हैं। उसके बाद 83 वोट पाने वाली ट्रेड मिनिस्टर
पेनी मोर्डोंट दूसरे नंबर पर हैं। वही तीसरे नंबर पर विदेश सचिव लिज ट्रस ने 64 वोट
हासिल किए हैं।
संकटग्रस्त श्रीलंका के राष्ट्रपति
का इस्तीफा! मालदीव से पहुंचे नए मुल्क तो बोला सिंगापुर- वो निजी यात्रा पर, नहीं
दी है शरण.
कनाडा में सिख नेता रिपुदमन सिंह
मलिक की गोली मारकर हत्या। 1985 के एयर इंडिया बम धमाकों में उनका नाम सामने आया था।
लेकिन बाद में 2005 में उन्हें उस मामले में बरी कर दिया गया। मलिक की आज (शुक्रवार)
सुबह काम पर जाते समय वैंकूवर में हत्या कर दी गई। फिलहाल हत्या के कारणों का पता नहीं
चल सका है।
पटना पुलिस ने फुलवारी शरीफ में
एक बड़े टेरर मॉड्यूल का पर्दाफाश किया है। यहां से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से
जुड़े दो संदिग्धों अतहर परवेज एवं मोहम्मद जलालुद्दीन की गिरफ्तारी ने आतंक के एक
बड़े गिरोह एवं उनकी साजिश का पर्दाफाश किया है। इस बीच, पटना पुलिस ने यह खुलासा कर
कि 12 जुलाई को पटना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम इन संदिग्धों के निशाने
पर था, सनसनी फैला दी है। दरअसल, पटना पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की है उसमें कहा गया
है कि टेरर मॉड्यूल से जुड़े इन संदिग्धों के मंसूबे काफी खतरनाक थे। ये पीएम मोदी
के कार्यक्रम में गड़बड़ी पैदा करना चाहते थे लेकिन पुलिस की मुस्तैदी की वजह से ये
अपने इरादों को अमली जामा नहीं पहना पाए।
अजमेर की दरगाह की देखभाल करने वाले खादिम एक बार फिर नफरती बयानों को लेकर चर्चा में हैं। इसलिए हमें याद आया 1992 का वो घिनौना कांड जिसने सारे देश को सन्न कर के रख दिया था।
पूरे 90 के दशक
में लोग
लड़की की
तस्वीर लेकर
आते और
पूछते थे-
“क्या ये
वही लड़की
है?” दरअसल,
वो ऐसे
लोग होते
थे, जिनकी
शादी होने
वाली होती
थी और
वो पहले
ही इस
बात की
पुष्टि करना
चाहते थे
कि कहीं
उनकी होने
वाली पत्नी
बलात्कार की
शिकार तो
नहीं। इस
कहानी में
अजमेर है,
चिश्ती हैं,
रेप है
और ब्लैकमेलिंग
है। यह
क्रम संतोष
गुप्ता द्वारा
अजमेर रेप-कांड का
भाँडाफोड़ किए
जाने के
बाद से
लेकर पूरे
90 के दशक
के अंत
तक चला
था। उस
समय भले
इंटरनेट नहीं
था लेकिन
इस रेप
व ब्लैकमेल
स्कैंडल की
ख़बरें लोगों
के बीच
आग की
तरह फैली
थी। पुलिस
ने इसी
दिन इस
केस के
मुख्य आरोपित
सुहैल गनी
चिश्ती को
गिरफ़्तार किया।
इस ख़बर
के बाद
ही लोगों
के बीच
लगभग 3 दशक
पहले की
यादें ताज़ा
हो गईं।
अजमेर के
लोग इस
केस पर
आज भी
बात करने
से हिचकिचाते
हैं। आखिर
बात करें
भी तो
क्या? ये
वो केस
है, जिसके
बारे में
वो समझते
हैं कि
इसने इस
शहर को
पूरी दुनिया
में बदनाम
कर के
रख दिया।
संतोष गुप्ता
ने इस
केस का
खुलासा अप्रैल
1992 को किया
था। उन्होंने
लड़कियों पर
हुए अत्याचार
की व्यथा
को देश
के सम्मुख
रखा था।
ये यहीं
के लोग
थे, खादिम
थे। प्रभावशाली
थे, अमीर
थे और
सफेदपोश थे।
वो अपराधी
नहीं दिखते
थे, वो
समाजसेवी के
कलेवर में
थे। कुल
8 लोगों के
खिलाफ शुरुआत
में मामला
दर्ज किया
गया था।
इसके बाद
जाँच हुई
और 18 आरोपित
निकले। ये
वही लोग
थे, जिन
पर सूफी
फ़क़ीर कहे
जाने वाले
ख्वाजा मोइनुद्दीन
चिश्ती दरगाह
की देखरेख
की जिम्मेदारी
थी। ये
वही लोग
थे, जो
ख़ुद को
चिश्ती का
वंशज मानते
हैं। उन
पर हाथ
डालने से
पहले प्रशासन
को भी
सोचना पड़ता।
अंदरखाने में
बाबुओं को
ये बातें
पता होने
के बावजूद
इस पर
पर्दा पड़ा
रहा। चेन
के बारे
में तो
आपको पता
ही होगा।
एक के
बाद एक
को जोड़
कर चेन
या श्रृंखला
बनाई जाती
है। मजहबी
ठेकेदार के
वेश में
रह रहे
दरिंदों ने
यही तरीका
अपनाया था।
किसी युवती
को अपने
जाल में
फँसाओ, उससे
सम्बन्ध बनाओ,
उसकी नग्न
व आपत्तिजनक
तस्वीरें ले
लो, फिर
उसका प्रयोग
कर के
उसकी किसी
दोस्त को
फाँसो, फिर
उसके साथ
ऐसा करो
और फिर
उसकी किसी
दोस्त के
साथ- यही
उस गैंग
का तरीका
था। कोई
भी पीड़िता
आगे नहीं
आना चाहती
थी। उनका
भी परिवार
था, समाज
था, जीवन
था और
ये लड़ाई
उन्हें हाथी
और चींटी
जैसी लगती
थी। केस
लड़ने, आरोपितों
के ख़िलाफ़
बयान देने
और पुलिस-कचहरी के
लफड़ों में
पड़ने से
अच्छा उन्होंने
यही समझा
कि चुप
रहा जाए।इस
रेप-कांड
की शिकार
अधिकतर स्कूल
और कॉलेज
जाने वाली
लड़कियाँ थीं।
लोग कहते
हैं कि
इनमें से
अधिकतर ने
तो आत्महत्या
कर ली।
जब ये
केस सामने
आया था,
तब अजमेर
कई दिनों
तक बन्द
रहा था।
लोग सड़क
पर उतर
गए थे
और प्रदर्शन
चालू हो
गए थे।
जानी हुई
बात है
कि आरोपितों
में से
अधिकतर समुदाय
विशेष से
थे और
पीड़िताओं में
सामान्यतः हिन्दू ही थीं।
28 साल से केस
चल रहा
है। कई
पीड़िताएँ अपने
बयानों से
भी मुकर
गईं। कइयों
की शादी
हुई, बच्चे
हुए, बच्चों
के बच्चे
हुए। हमारी
समाजिक संरचना
को देखते
हुए शायद
ही ऐसा
कहीं होता
है कि
कोई महिला
अपने बेटे
और गोद
में पोते
को रख
कर 30 साल
पहले ख़ुद
पर हुए
यूँ जुर्म
की लड़ाई
लड़ने के
लिए अदालतों
का चक्कर
लगाए। शायद
उन महिलाओं
ने भी
इस जुल्म
को भूत
मान कर
नियति के
आगोश में
जाकर अपनी
ज़िंदगी को
जीना सीख
लिया है
और उनमें
से अधिकतर
अपने हँसते-खेलते परिवारों
के बीच
30 साल पुरानी
दास्तान को
याद भी
नहीं करना
चाहतीं। 18 आरोपितों में से एक
ने आत्महत्या
कर ली।
फारूक चिश्ती
तब यूथ
कॉन्ग्रेस का नेता हुआ करता
था, जिसे
मानसिक रूप
से विक्षिप्त
घोषित कर
दिया गया।
ऐसा नहीं
है कि
सुनवाई नहीं
हुई। सेशन
कोर्ट ने
1998 में 8 आरोपितों को आजीवन कारावास
की सज़ा
तो सुनाई
लेकिन इसके
3 सालों बाद
2001 में राजस्थान
हाईकोर्ट ने
इनमें से
4 को बरी
कर दिया।
2003 में सुप्रीम
कोर्ट ने
मोइजुल्लाह उर्फ पट्टन, इशरत अली,
अनवर चिश्ती
और शमशुद्दीन
उर्फ मैराडोना
की सज़ा
ही कम
कर डाली।
इन सबको
मात्र 10 वर्षों
का कारावास
मिला। इनमें
से 6 के
ख़िलाफ़ अभी
भी मामला
चल रहा
है। सुहैल
चिश्ती 2018 में शिकंजे में आया
था। एक
आरोपित अलमास
महाराज फरार
है, जिसके
ख़िलाफ़ सीबीआई
ने रेड
कॉर्नर नोटिस
तक जारी
कर रखी
है। लोगों
का मानना
है कि
वो अमेरिका
में हो
सकता है।
2007 में मानसिक
विक्षिप्त घोषित आरोपित फारूक चिश्ती
को अजमेर
की एक
फ़ास्ट ट्रैक
अदालत ने
दोषी मान
कर सज़ा
सुनाई और
राजस्थान हाईकोर्ट
ने इस
निर्णय को
बरकरार भी
रखा। लेकिन,
हाईकोर्ट ने
उसके द्वारा
तब तक
जेल में
बिताई गई
अवधि को
ही सज़ा
मान लिया।
चिश्तियों में अभी सिर्फ़ सलीम
और सुहैल
ही जेल
में है।
इस मामले
में 200 से
भी अधिक
पीड़िताएँ हैं
लेकिन कुछ
ने ही
बयान दिया।
अफसोस, इनमें
से शायद
ही कोई
अपने बयान
पर कायम
रही हों।संतोष
गुप्ता अपना
अनुभव बताते
हुए कहते
हैं कि
शुरू से
ही पुलिस
का जोर
दोषियों को
सज़ा दिलाने
पर कम
और कथित
रूप से
पैदा होने
वाली ‘क़ानून
व्यवस्था के
विपरीत स्थिति’
से निपटने
की तैयारी
में ज्यादा
था। सामाजिक
स्तर पर
इस केस
का एक
बुरा असर
ये पड़ा
था कि
अजमेर की
लड़कियों की
शादी कराने
में काफी
मशक्कतें करनी
पड़ती थीं।
लोग उनके
चरित्र पर
सवाल उठाते
थे। पूरे
शहर को
एक ही
नज़र से
देखा जाने
लगा था।
इस केस
पर बाद
में टीवी
मीडिया पर
शो से
लेकर किताबें
तक लिखी
गईं लेकिन
एक चीज
जो आज
तक कहीं
नहीं दिखा,
वो है-
न्याय। अगर
उस समय
पुलिस ने
इस केस
में आरोपितों
पर शिकंजा
कसा होता
तो शायद
उन्हें फाँसी
की सज़ा
भी मिल
सकती थी।उस
समय पीवी
नरसिम्हा राव
देश के
प्रधानमंत्री थे और कॉन्ग्रेस पार्टी
के अध्यक्ष
भी वही
हुआ करते
थे। पूरे
5 सालों तक
उन्होंने सरकार
और संगठन
को चलाया
था। फारूक
चिश्ती इंडियन
यूथ कॉन्ग्रेस
के अजमेर
यूनिट का
अध्यक्ष था।
नफीस चिश्ती
कॉन्ग्रेस की अजमेर यूनिट का
उपाध्यक्ष था। अनवर चिश्ती अजमेर
में पार्टी
का जॉइंट
सेक्रेटरी था। ऐसे में ये
कहा जा
सकता है
कि शक्तिशाली
कॉन्ग्रेस पार्टी, उसकी तुष्टिकरण की
नीति और
आरोपितों का
समाजिक व
वित्तीय प्रभाव-
इन सबने
मिल कर
न्याय की
राह में
रोड़े खड़े
कर दिए
थे।अक्टूबर 1992 में एक पत्रकार मैदान
सिंह की
हत्या कर
दी गई
थी, जो
अजमेर में
‘लहरों की
बरखा’ नामक
दैनिक पत्रिका
का संचालन
करते थे।
हॉस्पिटल में
घुस कर
उन्हें मार
डाला गया
था। इस
हत्याकांड के लिंक इसी सेक्स
स्कैंडल से
जुड़े थे।
इससे पहले
भी उन
पर गोलीबारी
हुई थी,
जिसमें उन्होंने
कॉन्ग्रेस के पूर्व विधायक डॉक्टर
राजकुमार जयपाल
को आरोपित
बनाया था।
इसके अलावा
नेता के
दोस्त सवाई
सिंह को
भी आरोपित
बनाया गया
था, जो
अजमेर का
लोकल माफिया
था।इन सबके
बावजूद पुलिस
ने उनके
बयान को
नज़रअंदाज़ किया
और पत्रकार
मैदान सिंह
की हत्या
कर दी
गई। एक
अन्य आरोपित
नरेंद्र सिंह
की गिरफ़्तारी
के बाद
ही पुलिस
ने कॉन्ग्रेस
नेता को
गिरफ्तार किया।
इसके पीछे
पुलिस को
एक बड़े
राजनीतिक-आपराधिक
गठजोड़ की
बू आई
थी।कहते हैं,
ये रेप
स्कैंडल किसी
बड़े परिवार
के एक
लड़के और
9वीं कक्षा
की एक
लड़की के
बीच प्रेम
संबंध से
शुरू हुआ
था। लड़के
के दोस्तों
ने उन
दोनों की
अश्लील तस्वीरें
निकाल ली
थीं और
लड़की को
अपने दोस्तों
से जान-पहचान कराने
को कहा
था। फिर
तो इसका
सिलसिला ही
चल पड़ा।
बाद में
तो पुलिस
ने भी
माना कि
उन्होंने जानबूझ
कर खादिमों
के विरुद्ध
लीगल एक्शन
नहीं लिया।पुलिस
को डर
था कि
इससे साम्प्रदायिक
तनाव फैलेगा।
इस स्कैंडल
को सामने
लाने वाले
‘नवज्योति’ के संपादक रहे दीनबंधु
चौधरी ने
कहा कि
वो इसी
उलझन में
थे कि
लड़कियों के
खिलाफ हुए
अत्याचार को
तस्वीरों के
जरिए बयाँ
किया जाए
या नहीं।
फिर उन्होंने
आगे बढ़ने
का निश्चय
किया और
इन तस्वीरों
के सामने
आने के
बाद ही
प्रशासन की
तंद्रा टूटी
और वो
भी तब,
जब लोग
सड़कों पर
उतर आए।मुख्यमंत्री
भैरों सिंह
शेखावत की
सरकार ने
जाँच के
आदेश तो
दिए लेकिन
तब तक
काफ़ी देर
हो चुकी
थी। कहा
जाता है
कि कॉन्ग्रेस
नेता जयपाल
का भी
इस सेक्स
स्कैंडल में
हाथ था
और पत्रकार
मदन सिंह
की हत्या
भी इसी
कारण हुई।मदन
सिंह इस
पूरी घटना
के तथ्यों
का पर्दाफाश
करने में
लगे हुए
थे। पुलिस
ने इस
हत्याकांड को गैंगवार का नतीजा
करार दिया
था। पुलिस
ये मानने
को तैयार
ही नहीं
थी कि
इसका सेक्स
स्कैंडल से
कुछ लेना-देना हो
सकता है।
मदन और
उनके भाइयों
के आपराधिक
इतिहास की
बात करते
हुए पुलिस
ने दावा
किया था
कि पत्रकारिता
उस परिवार
के लिए
एक कवर
थी।उस वक़्त
अजमेर में
350 से भी
अधिक पत्र-पत्रिका थी
और इस
सेक्स स्कैंडल
के पीड़ितों
का साथ
देने के
बजाए स्थानीय
स्तर के
कई मीडियाकर्मी
उल्टा उनके
परिवारों को
ब्लैकमेल किया
करते थे।
आरोपितों को
छोड़िए, इस
पूरे मामले
में समाज
का कोई
भी ऐसा
प्रोफेशन शायद
ही रहा
हो, जिसने
एकमत से
इन पीड़िताओं
के लिए
आवाज़ उठाई
हो।आरोप यह
भी है
कि जिस
लैब में
फोटो निकाले
गए, जिस
टेक्नीशियन ने उसे प्रोसेस किया,
जिन पत्रकारों
को इसके
बारे में
पता था-
उन सबने
मिल कर
अलग-अलग
ब्लैकमेलिंग का धँधा चमकाया। पीड़ित
लड़कियों और
उनके परिवारों
से सबने
रकम ऐंठे।
ऐसे में
भला कोई
न्याय की
उम्मीद करे
भी तो
कैसे? कभी
29 पीड़ित महिलाओं
ने बयान
दिया था,
आज गिन
कर इनकी
संख्या 2 है।
सिस्टम ने
हर तरफ
से इन्हें
तबाह किया।
उत्तर प्रदेश (यूपी)
की राजधानी
लखनऊ के
लुलू मॉल
(Lulu Mall) प्रबंधन ने गुरुवार
(14 जुलाई, 2022) को उन
अज्ञात नमाजियों
के खिलाफ
एफआईआर दर्ज
करा दी,
जिन्होंने मॉल के भीतर नमाज
अदा की
थी। आरोप
है कि
नमाज पढ़ने
वाले लोगों
ने ऐसा
कर धार्मिक
समूहों के
बीच दुश्मनी
को बढ़ावा
दिया और
धार्मिक भावनाएं
आहत कीं।
मॉल की
ओर से
साफ किया
गया कि
इस घटना
में वहां
का कोई
भी कर्मचारी
शामिल नहीं
था। साथ
ही वे
लोग पुलिस
की जांच-पड़ताल में
पूरा सहयोग
करेंगे।
कांवड़ यात्रा शुरू हो गई है
बीच में कोरोना की वजह से ये यात्रा नहीं हुई थी, यानी अब दो साल बाद शुरू हुई कांवड़
यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में बहुत उत्साह है और वो अपने प्रिय 'भोले बाबा' को जल
चढ़ाने के लिए निकल पड़े हैं, इसको लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पुख्ता व्यवस्था
की है।
जाजमऊ में विवादित टेनरी के कब्जे
को लेकर हुए बवाल में पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है। पुलिस ने सपा विधायक हसन रुमी
के बेटे कामरान सहित 62 आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। वहीं, सात आरोपियों
को गिरफ्तार भी कर लिया है। इस मामले में सपा
विधायक के बेटे पर बीट दरोगा को धमकी देने का भी आरोप लगा है।
लखनऊ के बीएसए
विजय प्रताप
सिंह सस्पेंड
किए गए.
गोलागंज के
सेंटीनियल कॉलेज के परिसर में
दूसरे स्कूल
को मान्यता
देने के
चलते जांच
के बाद
शासन ने
किया विजय
प्रताप सिंह
को सस्पेंड.
ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी
मामले में
हिंदू पक्ष
की बहस
अब भी
जारी. ज्ञानवापी
श्रृंगार गौरी
मामले में
आज भी
हिंदू पक्ष
की बहस
पूरी नहीं
हुई कल
फिर सुनवाई
जारी रहेगी.
वहीं, एक
अन्य मामले
में फास्ट
ट्रैक कोर्ट
में चल
रही सुनवाई
में वादी
किरण सिंह
समेत अन्य
5 लोगों की
ज्ञानवापी परिसर सौंपने, पूजा पाठ
की अनुमति
देने के
अधिकार संबंधित
याचिका पर
कोर्ट अगली
सुनवाई 21 जुलाई को करेगा.
मेरठ के एएसपी
चंद्रकांत मीणा ने बताया कि
याकूब कुरैशी
के मीट
प्लांट को
कुर्क किया
गया है.
ये प्लांट
10 हेक्टेयर से ज्यादा ज़मीन में
बना हुआ
है और
इसमें जो
मशीन हैं
उनकी कीमत
100 करोड़ से ज्यादा है. सुबह
भी इसकी
एक प्रोपर्टी
कुर्क की
है, जिसकी
कीमत 20 करोड़
से ज्यादा
है. उन्होंने
आगे बताया
कि, अवैध
रूप से
एक मीट
की फैक्ट्री
संचालित की
जा रही
थी. ये
मुकदमा इसी
वर्ष मार्च
में लिखवाया
गया था.
इस मामले
में 17 लोग
नामजद हैं
और याकूब
कुरैशी फरार
है. उसके
सभी ठिकानों
पर दबिश
दी जा
रही है
और हम
आगे कार्रवाई
कर रहे
हैं.
पंजाब के मशहूर सिंगर दिलेर मेहंदी
को 2018 के कबूतर बाजी मामले में सजा हुई है,अदालत ने तुरंत दलेर मेहंदी को हिरासत
में लेने को कहा है .गौर हो कि सिंगर दिलेर मेहंदी को 15 साल पुराने मानव तस्करी केस
में दो साल कैद की सजा सुनाई गई थी।जिसकी आज पटियाला कोर्ट में सुनवाई की गई, बताया
जा रहा है कि पटियाला कोर्ट ने 2 साल की सजा को बरकरार रखा है।
भारतीय इतिहास में
पहली बार
होगा जब
कोई आदिवासी
महिला सर्वोच्च
पद पर
आसीन होगी।
ये जीत
कई मायनों
में अहम
रहने वाली
है। इसलिए
बीजेपी ने
तैयारी भी
ख़ास की
है। गौर
हो कि
देश के
राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव
18 तारीख को
होगा और
आंकड़ों के
लिहाज से
NDA की उम्मीदवार
द्रौपदी मुर्मू
की जीत
तय मानी
जा रही
है।
नेपाल के पूर्व
PM पुष्प कमल
दहल आज
दिल्ली में,
विदेश मंत्री
एस. जयशंकर
से करेंगे
मुलाकात. प्रचंड
आज से
तीन दिन
के भारत
दौरे पर
18 से 59 साल के
बीच के
लोगों को
आज से
लगेगा बूस्टर
डोज.
राष्ट्रीय दलों के
चंदे में
आई 41.49 फीसद
की गिरावट
सड़क दुर्घटना स्थल
पर डाटा
रिकॉर्ड करने
के लिए
केवल मोबाइल
ऐप का
इस्तेमाल करना
होगा ।
आज से देश
भर में
होने जा
रही CUET की
परीक्षा, नेशनल
टेस्टिंग एजेंसी
ने पूरी
की तैयारी
कनाडा में रिपुदमन
सिंह की
गोली मारकर
हत्या, एयर
इंडिया बम
धमाके में
आया था
नाम
ईडी की हिरासत
में एनएसई
की पूर्व
एमडी चित्रा
रामकृष्ण, कोर्ट ने दी चार
दिन की
रिमांड। अवैध
फोन टैपिंग
मामले में
पहले से
ही मुश्किलों
का सामना
कर रहीं
चित्रा रामकृष्णन
को मनी
लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार
किया गया
है।
नगर निगम, जलकल
समेत अन्य
विभागों के
हेल्पलाइन नंबर पर कुछ ही
शिकायतें मिल
रही हैं,
जबकि हकीकत
ये है
कि शिकायतें
खूब हैं,
फिर भी
लोग टोल
फ्री नंबर,
सहायता लेने
में हिचक
रहे हैं।
झारखंड के दुमका
में 33 सरकारी
स्कूलों में
रविवार की
बजाय शुक्रवार
को छुट्टी
रहने का
मामला सामने
आया है।
जानकारी के
मुताबिक करीब
33 विद्यालय मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में
हैं।
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय
द्वारा 16 जुलाई से देश के
विभिन्न शहरों
में 22वें
रंग महोत्सव
कार्यक्रम का आगाज हो रहा
है।
IPL के पूर्व चेयरमैन
ललित मोदी
ने गुरुवार
को सोशल
मीडिया पर
बॉलिवुड एक्ट्रेस
सुष्मिता सेन
के साथ
कुछ तस्वीरें
पोस्ट कीं।
इसके बाद
दोनों की
शादी की
खबरें उड़ने
लगीं। दोनों
की शादी
की खबरें
चलीं तो
ललित मोदी
ने कुछ
देर बाद
साफ किया
कि अभी
दोनों ने
शादी नहीं
की है।
सिर्फ एक-दूसरे को
डेट कर
रहे हैं
और जल्द
ही शादी
भी होगी।
गौरतलब है
कि मनी
लॉन्ड्रिंग के आरोप लगने के
बाद ललित
मोदी ने
2010 में भारत
छोड़ दिया
था।
महाराष्ट्र की एकनाथ
शिंदे सरकार
ने 1975 के
आपातकाल के
दौरान जेल
गए लोगों
के लिए
पेंशन योजना
बहाल कर
दी है।
इस योजना
की शुरुआत
मूल रूप
से 2018 में
बीजेपी की
सरकार द्वारा
की गई
थी, जिसे
उद्धव ठाकरे
की सरकार
ने पलट
दिया था।
बीते गुरुवार
को देवेंद्र
फडणवीस ने
कहा कि
उन सभी
लोगों को
जो 1975-1977 में आपातकाल के दौरान
जेल गए
थे, उन्हें
महाराष्ट्र सरकार द्वारा पेंशन दी
जाएगी।
कर्मचारी चयन आयोग
(SSC) ने हेड
कांस्टेबल (ड्राइवर) के 1411 पदों पर
वैकेंसी निकली
है। जिसके
लिए 30 साल
की उम्र
तक के
12वीं पास
उम्मीदवार इन पदों के लिए
आवेदन कर
सकते हैं।
29 जुलाई तक
उम्मीदवार ऑफिशियल वेबसाइट
https://ssc.nic.in/ पर जाकरआवेदन कर
सकते हैं।
इन पदों
पर सिलेक्शन
रिटन टेस्ट
के आधार
पर होगा।
लाल निशान में
खुले एशियाई
बाजार। यूरोपीय
मार्केट्स में भी नरमी। वहीं,
पिछले कारोबारी
सत्र में
गिरावट के
साथ बंद
हुए थे
सेंसेक्स और
निफ्टी।
गहरा निम्न दबाव
का क्षेत्र
अब निम्न
दबाव में
बदल गया
है और
अब यह
आंतरिक ओडिशा
और छत्तीसगढ़
पर स्थित
है।मानसून की अक्षीय रेखा अभी
भी अपनी
सामान्य स्थिति
के दक्षिण
में है
और बीकानेर,
कोटा, गुना,
सतना, पेंड्रा
रोड, कम
दबाव वाले
क्षेत्र के
केंद्र, झारसुगुडा
और फिर
दक्षिण पूर्व
की ओर
बंगाल की
पूर्व मध्य
खाड़ी से
गुजर रही
है।एक चक्रवाती
हवाओं का
क्षेत्र दक्षिण
पाकिस्तान और इससे सटे क्षेत्र
पर बना
हुआ है।अगले
24 घंटों के
दौरान, दक्षिण
गुजरात में
मध्यम से
भारी बारिश
की संभावना
है।मध्य प्रदेश
के दक्षिणी
हिस्सों, विदर्भ,
दक्षिणपूर्व राजस्थान, ओडिशा के कुछ
हिस्सों, दक्षिणी
छत्तीसगढ़, तटीय कर्नाटक, केरल में
हल्की से
मध्यम बारिश
के साथ
कुछ स्थानों
पर भारी
बारिश हो
सकती है
और हिमाचल
प्रदेश, उत्तराखंड
और तेलंगाना
में हल्की
से मध्यम
बारिश के
साथ एक
या दो
स्थानों पर
भारी बारिश
हो सकती
है।लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप
समूह, ओडिशा
के कुछ
हिस्सों, झारखंड
के गंगीय
पश्चिम बंगाल
के हिस्सों,
पंजाब, हरियाणा,
राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड
में हल्की
से मध्यम
बारिश हो
सकती है।दिल्ली,
उत्तर प्रदेश,
तमिलनाडु, आंतरिक कर्नाटक, तटीय आंध्र
प्रदेश, सिक्किम
के कुछ
हिस्सों और
पूर्वोत्तर भारत में हल्की बारिश
हो सकती
है।
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