शिक्षकों के परफ़ॉर्मेंस पर बच्चों के माता-पिता की भी नज़र

वैश्विक महामारी कोविड-19 के देश में बढ़ते प्रकोप की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अब तक कोरोना संक्रमितों की संख्या 14.79 लाख के पार पहुंच गई है लेकिन साथ ही साथ मरीजों के स्वस्थ होने की दर में भी सुधार होता जा रहा है। देश में पिछले 2 दिनों के भीतर एक लाख से अधिक संक्रमण के मामले सामने आए हैं। इससे पूर्व 3 दिनों में संक्रमण के एक लाख मामले सामने आ रहे थे। कोरोनावायरस से गंभीर रूप से प्रभावित महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में प्रकोप तेजी से बढ़ने से रविवार की रात संक्रमितों का आंकड़ा 14.79 लाख के पार पहुंच गया तथा मृतकों की संख्या 33,436 हो गई। इस दौरान राहत की बात यह रही कि मरीजों के स्वस्थ होने की दर बढ़कर आज 64.24 फीसदी पहुंच गई जो रविवार को 63.90 प्रतिशत रही थी। मृत्यु दर भी पहले के 2.28 प्रतिशत की तुलना में आज घटकर 2.26 फीसदी पर आ गई।


राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने राज्य सरकार से कहा है कि वह विधानसभा सत्र बुलाने के अपने प्रस्ताव को फिर से उनके पास भेजे। राज्यपाल ने सरकार के संशोधित प्रस्ताव को सरकार को 3 बिंदुओं के साथ लौटा दिया है। इसके साथ ही इसमें राजभवन की ओर से कहा गया है कि यदि राज्य सरकार विश्वास मत हासिल करना चाहती है तो यह शॉर्ट नोटिस में सत्र बुलाए जाने का युक्तिसंगत आधार बन सकता है।


अमेरिका में इस साल चुनाव होने हैं और स्टेज अब धीरे धीरे तैयार हो रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में प्रेसिडेंशियल डिबेट का अपना अलग महत्व होता है। इस संबंध में कमीशन ऑफ प्रेसिंडेंशियल डिबेट का कहना है कि पहली स्पीच दोनों पार्टियों की तरफ से 29 सितंबर को क्लीवलैंड में दी जाएगी।


मीडिया में सोमवार को प्रकाशित एक खबर के अनुसार अमेरिका और चीन के मध्य बढ़ते हुए तनाव के बीच अमेरिकी युद्धक विमान चीन की मुख्य भूमि तक पहुंच गए, जिनमें से एक शंघाई के 76.5 किलोमीटर तक पहुंच गया।


योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश कोविड-19 के संक्रमण से मजबूती से लड़ रहा है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में प्रदेश में जांच क्षमता तेजी से बढ़ी है। 23 मार्च को राज्य में 72 जांच हुए थे।


हांगकांग स्थित साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की खबर के मुताबिक थिंक टैंक ने रात में पुनः ट्वीट किया कि अमेरिकी नौसेना के पी-8ए विमान शंघाई के पास उड़ रहे थे।


आईपीएल इस बार महामारी के बीच यूएई में कराने की तैयारी है। ऐसे में खिलाड़ियों को बायो बबल में रखा जाएगा। क्या है इसका मतलब और इससे जुड़ी दिक्कतें।​


5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन होना है। उससे पहले कथावाचक मोरारी बापू ने ऐलान किया है कि राम मंदिर निर्माण के लिए 5 करोड़ रुपए भेजेंगे। गुजरात के तलगाजडा में कथा सुनाने से पहले उन्होंने ये ऐलान किया। उन्होंने कहा कि अगर मैं संकेत करता तो कोई अकेला भी ये कर सकता है, लेकिन जो जिसकी करना है। सबका मिलाकर ये इकट्ठा किया जाएगा।


राजस्थान में चल रहे राजनीतिक झगड़े के बीच एक वरिष्ठ विधायक और सचिन पायलट के कट्टर समर्थकों में से एक हेमाराम चौधरी ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खेमे के 10-15 विधायक उनके संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि वे (विधायक) स्वतंत्र  होने के बाद पक्ष बदल देंगे।


उत्तर प्रदेश में गोरखपुर जिले के पिपराइच इलाके में अपह्रत किए गए एक छात्र का पुलिस ने सोमवार को शव बरामद किया। पुलिस ने बताया कि छठी कक्षा के छात्र बलराम गुप्ता (14) के पिता महाजन गुप्ता की परचून और पान की दुकान है। बच्चे का अपहरण रविवार को हुआ था और उसके बाद परिवार को फिरौती के लिए फोन आया था।


फ्रांस से भारत के लिए रवाना हुए 5 राफेल लड़ाकू विमान संयुक्त अरब अमीरात (UAE) पहुंच चुके हैं। भारतीय वायु सेना ने जानकारी दी है कि 7 घंटे से अधिक समय की उड़ान के बाद सभी 5 राफेल सुरक्षित रूप से यूएई में अल धफरा एयरबेस पर उतरे हैं। ये सभी विमान बुधवार यानी 29 जुलाई को अंबाला वायुसेना स्टेशन पहुंचेंगे।


प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से नोएडा, मुंबई और कोलकाता में उच्च क्षमता वाली कोविड-19 परीक्षण सुविधाओं का शुभारंभ किया। इस दौरान योगी आदित्यनाथ, उद्धव ठाकरे और ममता बनर्जी भी उपस्थित थीं।


सुशांत सिंह राजपूत के निधन को 1 महीने से ज्यादा का समय हो गया है। सुशांत के मामले में मुंबई पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है।


भारत के साथ मिलकर कोरोना वायरस की जांच के लिए रैपिड जांच किट विकसित कर रही इजराइली अनुसंधानकर्ताओं की एक उच्च स्तरीय टीम सोमवार को यहां पहुंच गई।


पश्चिम बंगाल के बोनगांव में कोविड-19 के एक संदिग्ध मरीज ने सड़क पर तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया क्योंकि उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए आई एम्बुलेंस में वह खुद से सवार नहीं हो सके।


अयोध्या (उत्तर प्रदेश)। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 5 अगस्त को निर्धारित भूमि पूजन में कुछ ही दिन शेष रहने के बीच राम जन्मभूमि परिसर से सटी मस्जिदें हिंदू एवं मुस्लिमों के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का संदेश दे रही हैं। उच्चतम न्यायालय द्वारा भगवान राम के मंदिर के निर्माण के लिए सौंपी गई 70 एकड़ के रामजन्मभूमि परिसर के करीब आठ मस्जिदें और दो मकबरे स्थित हैं। स्थानीय हिंदुओं की तरफ से बिना किसी आपत्ति के इन मस्जिदों में अजान और नमाज पढ़ी जाती हैं और मकबरों में वार्षिक ‘उर्स’ का आयोजन किया जाता है। रामजन्मभूमि परिसर के पास स्थित आठ मस्जिदें- मस्जिद दोराहीकुआं, मस्जिद माली मंदिर के बगल, मस्जिद काज़ियाना अच्छन के बगल, मस्जिद इमामबाड़ा, मस्जिद रियाज के बगल, मस्जिद बदर पांजीटोला, मस्जिद मदार शाह और मस्जिद तेहरीबाजार जोगियों की हैं। दो मकबरों के नाम खानकाहे मुजफ्फरिया और इमामबाड़ा है। राम कोट वार्ड के पार्षद हाजी असद अहमद ने कहा, यह अयोध्या की महानता है कि राम मंदिर के आसपास स्थित मस्जिदें पूरे विश्व को सांप्रदायिक सद्भाव का मजबूत संदेश दे रही हैं। राम जन्मभूमि परिसर अहमद के वार्ड में स्थित है। पार्षद ने कहा, मुस्लिम बारावफात का ‘जुलूस’ निकालते हैं जो राम जन्मभूमि की परिधि से होकर गुजरता है। मुस्लिमों के सभी कार्यक्रमों एवं रस्मों का उनके साथी नागरिक सम्मान करते हैं। राम जन्मभूमि परिसर के पास मस्जिदों की मौजूदगी के बारे में टिप्पणी करने के लिए कहने पर, मंदिर के मुख्य पुजारी, आचार्य सत्‍येंद्र दास ने कहा, हमारा विवाद बस उस ढांचे से था जो बाबर (मुगल शासक) के नाम से जुड़ा था। हमें अयोध्या में अन्य मस्जिदों एवं मकबरों से कोई दिक्कत कभी नहीं रही। यह वह नगरी है जहां हिंदू मु्स्लिम शांति से रहते हैं। उन्होंने कहा, मुस्लिम नमाज पढ़ते हैं, हम अपनी पूजा करते हैं। राम जन्मभूमि परिसर से सटी मस्जिदें अयोध्या के सांप्रदायिक सद्भाव को मजबूत करेंगी और शांति कायम रहेगी। दास ने कहा कि हिंदू और मुस्लिम दोनों ने राम जन्मभूमि पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को स्वीकार किया है और कहा हमारा एक-दूसरे से कोई विवाद नहीं है। 500 साल पुराने खानकाहे मुजफ्फरिया मकबरे के सज्जादा नशीं और पीर, सैयद अखलाक अहमद लतीफी ने कहा कि अयोध्या के मुस्लिम सभी धार्मिक रस्में स्वतंत्र होकर निभाते हैं। उन्होंने कहा, हम खानकाहे मस्जिद में पांच बार नमाज पढ़ते हैं और सालाना ‘उर्स’ का आयोजन करते हैं। राम जन्मभूमि परिसर से सटे सरयू कुंज मंदिर के मुख्य पुजारी महंत युगल किशोर शरण शास्त्री ने कहा, कितना बेहतरीन नजारा होगा- एक भव्य राम मंदिर जिसके इर्दगिर्द छोटी मस्जिदें और मकबरे होंगे और हर कोई अपने धर्म के हिसाब से प्रार्थना करेगा।यह भारत की वास्तविक संस्कृति का प्रतिनिधित्व करेगा।



कोरोना महामारी के दौरान बच्चों के स्कूल बंद हैं और सरकारी से लेकर निजी स्कूलों तक, बच्चों की ज़ूम, गूगल मीट और माइक्रोसॉफ्ट टीम्स जैसे ऐप्स के ज़रिये ऑनलाइन क्लासें चल रही हैं जो सिर्फ़ ऑनलाइन क्लासरूम तक सीमित ना रहकर, शिक्षकों की निजी ज़िंदगी तक पहुँच गई हैं. बच्चों या उनके माता-पिता तक सूचनाएं पहुँचाने के लिए शिक्षकों ने अलग-अलग कक्षाओं के वॉट्सऐप ग्रुप बनाये हुए हैं. लेकिन जिस मोबाइल से बच्चे क्लास लेते हैं या फिर वॉट्सऐप के ज़रिये बात करते हैं, वो उनके माता-पिता या भाई-बहन का होता है. उनके भाई-बहन देखते हैं कि रात को टीचर ऑनलाइन है तो मैसेज कर देते हैं. कई बार डीपी देखते हैं तो उसे लेकर कमेंट कर देते हैं. ये मैसेज बड़ी बात भले ना हों, पर ये डर ज़रूर रहता है कि हमारे नंबर का आगे क्या इस्तेमाल होगा!” ऑनलाइन पढ़ा रहे शिक्षकों के साथ सिर्फ़ यही परेशानी नहीं है, बल्कि पढ़ाई के इस नए तरीक़े ने उनके सामने भी चुनौतियों का एक पिटारा खोल दिया है.


शिक्षकों ने बताया कि उनका काम अब सिर्फ़ पढ़ाने तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि हर बच्चे को क्लास में बुलाना, उनसे असाइंमेंट और बाकी एक्टिविटी करवाना भी है जिस वजह से काम और काम के घंटे, दोनों बढ़ गये हैं. 'एक क्लास में 40 से 50 बच्चे हैं, लेकिन 20-22 बच्चे ही क्लास में आते हैं. अब टीचर की ये ज़िम्मेदारी भी है कि जो बच्चे क्लास में नहीं आये, उन्हें फ़ोन करके पूछे कि आख़िर वजह क्या है. इस काम में दिन के कई घंटे जाते हैं.' स्कूल प्रशासन तो यह देखता है कि क्लास में कितने बच्चे आ रहे हैं, कितने बच्चे असाइनमेंट या बाकी एक्टिविटी कर रहे हैं, लेकिन समस्या ये है कि हम बच्चों को क्लास में लाएं कैसे. बच्चों के पास कई बार कोई कारण नहीं होता. वो बस कह देते हैं कि कल से आयेंगे, पर आते नहीं. कोई और समस्या है - जैसे इंटरनेट, वो भी नहीं बताते.” होम वर्क को लेकर भी यही दिक्कत होती है. वॉट्सऐप पर मैसेज बच्चे ने देखा या नहीं, कई बार यह भी पता करना पड़ता है. ये समस्याएं ज़्यादातर स्कूल टीचर्स की हैं, चाहे वो सरकारी में काम करते हों या प्राइवेट स्कूल में. वो एक दिन में चार से पाँच क्लास लेती हैं. उसके बाद स्टूडेंट्स के फ़ोन और मैसेज का जवाब देती हैं. साथ ही अगले दिन की तैयारी भी करती हैं. आप दो-दो मोर्चों पर एक-साथ काम करते हैं. टीचर को स्कूल प्रशासन के संपर्क में भी रहना है और बच्चों के भी. इसलिए उनका एंगेजमेंट और ज़्यादा बढ़ जाता है. बात ये है कि टीचर्स का भी तो स्क्रीन टाइम बढ़ा है. लोग टीचर की नौकरी को सबसे अच्छा (आसान) बताते हैं. बहुत लोग कहते हैं कि दोपहर में फ़्री होकर घर संभाल सकते हैं. लेकिन अब जो हालात हैं, उन्हें कोई देख ले, तो शायद दोबारा विचार करे. क्लासों में 100-200 बच्चे संभालने हैं, घर पर अपने बच्चों का भी ध्यान रखना है. शिक्षकों के परफ़ॉर्मेंस पर सिर्फ़ स्कूल ही नहीं बल्कि बच्चों के माता-पिता की भी नज़र होती है. कई बच्चों के घरवाले उनके साथ बैठे होते हैं. कभी उन्हें टीचर के बोलने का लहजा पसंद नहीं आता (अगर टीचर उनके इलाक़े का नहीं है) या वो बच्चों पर सवाल पूछने के लिए दबाव डालते रहते हैं. बच्चों के सामने क्लास में सहज होते हैं, हंसी-मजाक, थोड़ी नाराज़गी भी कर लेते हैं लेकिन माता-पिता के सामने ऐसा नहीं कर सकते. आपको लगता है कि वो जज कर रहे हैं. हर बात संभलकर करनी होती है. ये अलग तरह का मानसिक दबाव है. जिस तरह ऑनलाइन क्लास में बच्चों के पढ़ने का तरीक़ा बदला है उसी तरह शिक्षकों के पढ़ाने का तरीक़ा बदल गया है.


'वर्चुअल क्लास' का ये सेटअप असल क्लास से बिल्कुल अलग है. इसमें क्लास तो चल रही होती है, मगर सामने बच्चे नहीं दिखते. बच्चे क्या कर रहे हैं और कितना समझ रहे हैं, इसका भी कम ही पता चल पाता है. ऐसे में बच्चों की दिलचस्पी बनाये रखना और उनसे संवाद करना, दोनों एक बड़ी चुनौती बन जाते हैं. क्लास में बच्चों के नाम तो दिखते हैं लेकिन सभी के वीडियो ऑन नहीं होते. आपको पता ही नहीं चलता कि कौन क्या कर रहा है. कई बार बच्चे लॉगइन करके मोबाइल पर कुछ और एक्टिविटी करने लगते हैं. सामान्य दिनों में जब लगता था कि बच्चे का ध्यान नहीं है, तो उससे सवाल पूछ लिया या उससे ही रीडिंग करा ली. लेकिन यहाँ हम कैसे पता लगाएं. मैं सवाल भी पूछता हूँ, लेकिन जवाब उन्हीं बच्चों से आता है जो पहले से पढ़ाई को लेकर थोड़े गंभीर हैं. हमें कल्पना करनी पड़ती है कि हम असल क्लास-रूम में ही पढ़ा रहे हैं, तभी आप आत्मविश्वास से पढ़ा सकते हो. लेकिन हर टीचर इसमें सहज हो ये ज़रूरी नहीं. ज़ूम हो या यूट्यूब - भरी क्लास को पढ़ाने वालों के लिए अकेले कमरे में बैठकर लेक्चर देना बहुत अजीब होता है. शिक्षकों का कहना है कि 'एक घर में तीन बच्चे हैं और मोबाइल है एक, तो उसका इस्तेमाल कौन करेगा? इस वजह से भी बहुत से बच्चे क्लासें मिस करते हैं.' इंटनरेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया (आईएएमएआई) के आंकड़े बताते हैं कि भारत में शहरी क्षेत्रों के मुक़ाबले ग्रामीण इलाक़ों में इंटरनेट की पहुँच लगभग आधी है.


साल 2019 के आंकड़ों के मुताबिक़ भारत में 12 साल से ज़्यादा उम्र के 38 करोड़ 50 लाख इंटरनेट यूज़र हैं. इनमें से 51 प्रतिशत शहरी इलाक़ों में और 27 प्रतिशत ग्रामीण इलाक़ों में मौजूद हैं. वहीं, पाँच से 11 साल के छह करोड़ 60 लाख बच्चे इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं. ऑनलाइन क्लास में जो चैप्टर कराए हैं उन्हें स्कूल खुलने पर टीचर्स को फिर से पढ़ाना होगा क्योंकि सभी बच्चे ये क्लास नहीं ले पाए हैं. शिक्षकों के लिए भी ये एक बिल्कुल नया अनुभव है. कुछ शिक्षक बताते हैं कि वो तकनीक को लेकर इतने सहज नहीं थे और अब उनका सारा काम ही तकनीक आधारित हो गया. बार-बार ऐप भी बदलते रहे हैं. पहले ज़ूम फिर गूगल और अब दिल्ली सरकार ने तो यूट्यूब पर क्लास के लिए भी कहा है. टीचर्स को पहले ख़ुद इन्हें समझना है और फिर स्टूडेंट्स को समझाना है. इस माध्यम में ढलने में थोड़ा वक़्त लगेगा. सरकारी स्तर पर भी ये कोशिश हो रही है कि ऑनलाइन क्लासेस इंटरेक्टिव कैसे हों. ऐसे कुछ प्रयास भी किए गए हैं. ये ज़रूर है कि टीचर्स को बहुत समय देना पड़ रहा है लेकिन सभी को इसमें सामंजस्य बैठाने में समय लगेगा. तकनीक और बच्चों से इंटरेक्शन को लेकर जितना टीचर का संघर्ष है उतना ही बच्चों का भी है. कई बार मैंने बच्चों के माता-पिता को फोन पर समझाया है कि ऑनलाइन क्लास के लिए ऐप कैसे काम करेगा. अचानक से इस नए सिस्टम में डालने और मूल्यांकन करने की बजाए टीचर को भी सीखने का मौका दें और उनकी समस्याएं समझें.”


अगले 24 घंटों के दौरान उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, पूर्वोत्तर भारत, तटीय कर्नाटक और केरल में बारिश बढ़ेगी। इन भागों में हल्की से मध्यम बारिश के बीच कुछ स्थानों पर भारी बारिश संभव है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, मुजफ्फराबाद, गिलगित बाल्टिस्तान, झारखंड, ओडिशा, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं। दक्षिण-पूर्वी राजस्थान, हरियाणा के कुछ हिस्सों, पंजाब, दिल्ली, तमिलनाडु, आंतरिक कर्नाटक और रायलसीमा के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हो सकती है।



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