पांच किशोर गंगा में डूबे-टिकटॉक
वाराणसी में शुक्रवार की सुबह बड़ा हादसा हो गया। गंगा किनारे रेती पर टिकटॉक वीडियो बनाते समय एक एक कर पांच किशोर गंगा में डूब गए।
पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सैन्य टकराव के मुद्दे का अब तक समाधान नहीं निकल पाया है। दोनों देश इसके लिए रक्षा व कूटनीतिक माध्यमों से भी एक-दूसरे से संपर्क में हैं।
पश्चिम बंगाल सरकार ने कोरोना की वजह से जारी देशव्यवापी लॉकडाउन के बीच बड़ा फैसला लिया है। राज्य सरकार ने धार्मिक स्थलों को एक जून से खोलने की अनुमति दे दी है।
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी नहीं रहे। उनका शुक्रवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उन्हें करीब तीन सप्ताह पहले 9 मई को भी हार्ट अटैक हुआ था, जिसके बाद उनकी हालत गंभीर थी।
राजधानी दिल्ली में कोरोना का संक्रमण लगातार खतरनाक रुप लेता जा रहा है। दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में मोर्चरी में जगह नहीं होने की वजह से अस्पताल परिसर में ही शव रखे गए हैं।
उत्तर प्रदेश के संभल में एक शिव मंदिर में पुजारी और उसके बेटे के शव मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया।
चीन ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने भारत और चीन के बीच सीमा संबंधी तनाव समाप्त करने के लिए मध्यस्थता की बात की थी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि कोरोना के ज्यादातर रोगी घर पर ही ठीक हो जाते हैं। होम आइसोलेशन के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं।
प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के बाद सोनू सूद ने अब केरल में फंसी 177 लड़कियों को एयरलिफ्ट करवा उनके घर पहुंचाया।
लॉकडाउन का चौथा चरण 31 मई को खत्म हो रहा है। एक जून से रेलवे, रसोई गैस, राशन कार्ड समेत कई सेवाएं से जुडे नियम बदल जाएंगे।
संसद में कार्यरत राज्य सभा सचिवालय अधिकारी कोविड 19 पॉजिटिव पाया गया है। इसके बाद संसद भवन की दो मंजिलों को सील कर दिया गया है।
झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए मूल्यांकन की प्रक्रिया को शुरु कर दिया गया है और नतीजे जुलाई में आने की संभावना है।
उत्तराखंड और हिमाचल में के पहाड़ी हिस्सों में हुई हल्की बारिश और तेज हवा चलने से मैदानी इलाकों में लोगों को भीषण गर्मी से थोड़ी राहत मिली।
31 मई तक कई राज्यों में आंधी-बारिश और ओलावृष्टि की संभावना, नजर आएगा Monsoon का असर
लॉकडाउन खत्म होने से पहले PM मोदी से मिले अमित शाह, एक-दो दिन में अवधि बढ़ने की घोषणा संभव
लॉकडाउन के पांचवे चरण में उत्तर प्रदेश के इन 8 शहरों में बढ़ाई जा सकती है सख्ती
लद्दाख में सीमा पर भारत-चीन सेना के बीच तनाव बरकरार, आर्मी कमांडर्स कांफ्रेंस में LAC के हालातों का हुआ रिव्यू
पीपल के पेड़ का बहुत महत्व होता है। वनस्पति विज्ञान और आयुर्वेद के अनुसार भी पीपल का पेड़ कई तरह से फायदेमंद.पीपल (वानस्पति नाम:फ़ाइकस रेलीजियोसा Ficus religiosa) भारत, नेपाल, श्रीलंका, चीन और इंडोनेशिया में पाया जाने वाला बरगद की जाति का एक विशालकाय वृक्ष है, जिसे भारतीय संस्कृति में महत्त्वपूर्ण स्थान दिया गया है । पीपल का वृक्ष का विस्तार, फैलाव तथा ऊंचाई व्यापक और विशाल होती है। यह सौ फुट से भी ऊंचा पाया जाता है। हज़ारों पशु और मनुष्य इसकी छाया के नीचे विश्राम कर सकते हैं। बरगद और गूलर वृक्ष की भाँति इसके पुष्प भी गुप्त रहते हैं अतः इसे गुह्यपुष्पक भी कहा जाता है। अन्य क्षीरी (दूध वाले) वृक्षों की तरह पीपल भी दीर्घायु होता है। पीपल की आयु संभवतः 90 से 100 सालों के आसपास आंकी गई है। इसके फल बरगद-गूलर की भांति बीजों से भरे तथा आकार में मूँगफली के छोटे दानों जैसे होते हैं। बीज राई के दाने के आधे आकार में होते हैं। परन्तु इनसे उत्पन्न वृक्ष विशालतम रूप धारण करके सैकड़ों वर्षो तक खड़ा रहता है। पीपल की छाया बरगद से कम होती है। इसके पत्ते अधिक सुन्दर, कोमल, चिकने, चौड़े व लहरदार किनारे वाले होते हैं। बसंत ऋतु में इस पर धानी रंग की नयी कोंपलें आने लगती है। बाद में, वह हरी और फिर गहरी हरी हो जाती हैं। पीपल के पत्ते जानवरों को चारे के रूप में खिलाये जाते हैं, विशेष रूप से हाथियों के लिए इन्हें उत्तम चारा माना जाता है। पीपल की लकड़ी ईंधन के काम आती है किंतु यह किसी इमारती काम या फर्नीचर के लिए अनुकूल नहीं होती। स्वास्थ्य के लिए पीपल को अति उपयोगी माना गया है। पीपल का वृक्ष हमें हमेशा कर्म करने की शिक्षा देता है। जब अन्य वृक्ष शांत हो पीपल की पत्तियों तब भी हिलती रहती है। इसके इस गतिशील प्रकृति के कारण इसे चल वृक्ष (चलपत्र) भी कहते हैं।
सांस की तकलीफ - सांस संबंधी किसी भी प्रकार की समस्या में पीपल का पेड़ आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए पीपल के पेड़ की छाल का अंदरूनी हिस्सा निकालकर सुखा लें। सूखे हुए इस भाग का चूर्ण बनाकर खाने से सांस संबंधी सभी समस्याएं दूर हो जाती है। इसके अलावा इसके पत्तों का दूध में उबालकर पीने से भी दमा में लाभ होता है। गैस या कब्ज - पीपल के पत्तों का प्रयोग कब्ज या गैस की समस्या में दवा के तौर पर किया जाता है। इसे पित्त नाशक भी माना जाता है, इसलिए पेट की समस्याओं में इसका प्रयोग लाभप्रद होता है। इसके ताजे पत्तों के रस निकालकर सुबह शाम एक चम्मच पीने से पित्त के साथ ही समस्याएं भी समाप्त होती हैं। दांतों के लिए - पीपल की दातुन करने से दांत मजबूत होते हैं, और दांतों में दर्द की समस्या समाप्त हो जाती है। इसके अलावा 10 ग्राम पीपल की छाल, कत्था और 2 ग्राम काली मिर्च को बारीक पीसकर बनाए गए मंजन का प्रयोग करने से भी दांतों की सभी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं। विष का प्रभाव - किसी जहरीले जीव-जंतु द्वारा काट लेने पर अगर समय पर कोई चिकित्सक मौजूद नहीं हो, जब पीपल के पत्ते का रस थोड़ी-थोड़ी देर में पिलाने पर विष का असर कम होने लगता है। त्वचा रोग - त्वचा पर होने वाली समस्याओं जैसे दाद, खाज, खुजली में पीपल के कोमल पत्तों को खाने या इसका काढ़ा बनाकर पीने से लाभ होता है। इसके अलावा फोड़े-फुंसी जैसी समस्या होने पर पीपल की छाल का घिसकर लगाने से फायदा होता है। घाव होने पर - शरीर के किसी हिस्से में घाव हो जाने पर पीपल के पत्तों का गर्म लेप लगाने से घाव सूखने में मदद मिलती है। इसके अलावा प्रतिदिन इस लेप का प्रयोग करने व पीपल की छाल का लेप करने से घाव जल्दी भर जाता है और जलन भी नहीं होती। जुकाम - सर्दी-जुकाम जैसी समस्या में भी पीपल लाभदायक होता है। पीपल के पत्तों को छांव में सुखाकर मिश्री के साथ इसका काढ़ा बनाकर पीने से काफी लाभ होता है। इससे जुकाम जल्दी ठीक होने में मदद मिलती है। त्वचा के लिए - त्वचा का रंग निखारने के लिए भी पीपल की छाल का लेप या इसके पत्तों का प्रयोग किया जा सकता है। इसके अलावा यह त्वचा की झुर्रियों को कम करने में भी मदद करता है। पीपल की ताजी जड़ को भिगोकर त्वचा पर इसका लेप करने से झुर्रियां कम होने लगती हैं।
तनाव करे कम - पीपल एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, इसके कोमल पत्तों को नियमित रूप से चबाने पर तनाव में कमी होती है, और बढ़ती उम्र का असर भी कम होता है। नकसीर - नकसीर फूटने की समस्या होने पर पीपल के ताजे पत्तों को तोड़कर उसकर रस निकालकर नाक में डालने से बहुत फायदा होता है। इसके अलावा इसके पत्तों को मसलकर सूंघने से भी नकसीर में आराम होता है।फटी एड़ियां - एड़ियों के फटने की समस्या में भी पीपल आपकी काफी मदद करेगा। फटी हुई एड़ियों पर पीपल के पत्तों का दूध निकालकर लगाने से कुछ ही दिनों फटी एड़ियां ठीक हो जाती हैं और तालु नरम पड़ जाते हैं।पीलिया - पीलिया हो जाने पर पीपल के 3-4 नए पत्तों के रस में मिश्री मिलाकर बनाए गए शरबत को पीना बेहद फायदेमंद होता है। इसे 3-5 दिन तक दिन में दो बार देने से लाभ होता है। हकलाना - पीपल के पके हुए फलों को सुखाकर बनाए गए चूर्ण को शहद के साथ सेवन करने से हकलाने की समस्या दूर होती है और वाणी में सुधार होता है।
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