कोरोना वायरस को लेकर चीन की पूरी दुनिया में हो रही आलोचना
कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र है। सीएम उद्धव ठाकरे ने प्रवासी मजदूरों के लिए बड़ी बात कही है, उनका मानना है कि 30 अप्रैल से 15 मई के बीच हालात की समीक्षा कर उन्हें स्पेशल ट्रेनों से भेजा जाना चाहिए।
अब खुली रहेंगी स्कूली किताबों और बिजली के पंखों की दुकानें, गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन से दी छूट।
दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस से जुड़ी हर जानकारी के लिए कोरोना व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिया है। दिल्ली में आज से पत्रकार मुफ्त कोरोना टेस्ट करवा सकेंगे।दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले बढ़कर 2156 हुए।
दिल्ली सरकार बुधवार से मीडियाकर्मियों के लिए कोरोना वायरस की जांच शुरू करेगीजरूरतमंदों को बांटने के लिए हर विधायक, सांसद को 2,000 खाद्य कूपन देगी दिल्ली सरकार। दिल्ली सरकार ने कोरोना व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिया है। कोरोना कैसे फैलता है? कोरोना के लक्षण क्या हैं? आपको क्या करना चाहिए? कोरोना से जुड़ी हर जानकारी दिल्ली सरकार के व्हाट्सएप्प हेल्पलाइन नंबर:- 8800007722 पर मैसेज कर प्राप्त कर सकते हैं।
मुंबई में 53 पत्रकार कोरोना पॉजिटिव पाए गए।
कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर को सील करने के बाद अब नोएडा-दिल्ली बॉर्डर को सील कर दिया गया है। मबुद्ध नगर के जिला मजिस्ट्रेट (DM) सुहास एलवाई ने इसकी जानकारी दी।
महाराष्ट्र मुख्यमंत्री कार्यालय के ओर से कहा गया है कि महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई और पुणे क्षेत्रों में दी गई लॉकडाउन छूट को रद्द कर दिया क्योंकि 'लोग जिम्मेदारी से व्यवहार नहीं कर रहे हैं।'
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में 15 अप्रैल को मेडिकल टीम पर पथराव करने के लिए 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, इनमें से 5 कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक मंगलवार को पिछले 24 घंटों के दौरान देश में कोरोना वायरस से संक्रमण के नये मामलों में कमी और स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या में इजाफा दर्ज किया गया है।
गृह मंत्रालय ने मंगलवार को ममता बनर्जी को पत्र लिखकर एक बार फिर याद दिलाया कि कोविड-19 की स्थिति का आकलन करने के लिए छह अंतर-मंत्रालयी केन्द्रीय दलों (आईएमसीटी) का गठन आपदा प्रबंधन एक्ट 2005 के तहत हुआ है और राज्य सरकार को उसके काम में जरूरी सहयोग जरूर करना चाहिए।
दुनिया के लगभग 200 देश कोरोना वायरस की चपेट में है। एक तरफ चीन की पूरे दुनिया में आलोचना हो रही है तो उसकी चुप्पी कई सवाल खड़े करती हैं।
जानेमाने अर्थशास्त्री अरविंद पनगढ़िया ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर संभव है कि बहुराष्ट्रीय कंपनियां चीन से अपने परिचालन को दूसरी जगह ले जाएंगी, जिसका भारत को उठाना चाहिए और औपचारिक क्षेत्र में अच्छे वेतन वाली नौकरियां तैयार करने के लिए दीर्घकालिक सोच के साथ काम करना चाहिए।
कोरोना वायरस के कहर के चलते कच्चे तेल का अंतरराष्ट्रीय बाजार भी संकट के दौर में पहुंच गया है और प्राइज धड़ाम हो गए हैं, लोग इस स्थिति पर मजेदार मीम्स शेयर कर रहे हैं।
बिहार की राजधानी पटना (Patna) से बड़ी और बुरी खबर आ रही है। बिहार के सबसे बड़े अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (PMCH) में आग लग गई। आग लगने से मरीजों के बीच हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि आग पीएमसीएच के इमरजेंसी बिल्डिंग (आपातकालीन भवन) के पहली मंजिल पर लगी है। आग लगते ही अस्पताल में मरीजों के बीच अफर-तफरी का माहौल हो गया। डॉक्टर समेत मरीज जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लग गए। आग लगने के कारण का पता चल गया है। आग लगने से धुंआ का गुबार बन गया। मरीजों के सांस लेने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बिहार कृषि विश्वविद्यालय द्वारा सभी महाविद्यालयों और कृषि विज्ञान केन्द्रों में किसानों को आम, मक्का, जूट, मशरूम एवं मसाला की फसलों एवं गेहूं की फसल कटाई की तैयारी में कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु दिशा निर्देश, सावधानियों को लगातार संचार तकनीकों के माध्यम से जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। सिंह ने दावा करते हुए कहा कि खेती कार्य में लगे किसानों को कोरोना वायरस से बचाव हेतु सभी 21 कृषि विज्ञान केन्द्रों में 4200 मास्क का वितरण किया गया।
रोजगार के लिए अन्य राज्यों में पलायन कर चुके युवक कोरोना वायरस संक्रमण के कारण बड़ी संख्या में वापस अपने घर लौटे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत सभी महाविद्यालयों में स्नातक, परास्नातक एवं शोध छात्रों की पढ़ाई ऑनलाईन कोर्स के माध्यम से शुरू की गई है। बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर द्वारा 5028 क्विंटल धान के बीजों को भी तैयार किया गया है।
बिहार के कृषि और पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री डॉ़ प्रेम कुमार ने कहा कि अन्य राज्यों से वापस लौटे बिहार के लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि विभाग बायोटेक किसान हब योजना के तहत मखाना उत्पादन, मधुमक्खीपालन, टिशू कल्चर केला उत्पादन, बकरीपालन एवं मशरूम उत्पादन के माध्यम से लौटे लोगों को जीविकोपार्जन के लिए प्रेरित करेगा।
बिहार में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या बढ़ने के बीच राज्य सरकार ने सभी निजी क्षेत्र के अस्पताल, नर्सिग होम, क्लीनिक, फार्मेसी और डायग्नोस्टिक सेंटरों को तत्काल सेवा प्रारंभ करने का निर्देश दिया है। निजी अस्पतालों में हुए अघोषित बंद से सामान्य मरीजों को काफी परेशानी हो रही थी, जिसे देखते हुए सरकार ने सभी निजी अस्पतालों से सख्ती से निपटने का फैसला करते हुए इन्हें 24 घंटे के अंदर खोलने के निर्देश दिए हैं।
राजस्थान के कोटा में फंसे अपनी बेटी को अपने घर लाने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। विपक्ष के निशाने के बाद अब अधिकारियों पर गाज गिरेगी। भाजपा विधायक अनिल सिंह को पास जारी करने वाले नवादा के अधिकारी पर गाज गिरना तय है। कोटा जाने के लिए विधायक को वाहन पास जारी करने वाले नवादा सदर SDO को सरकार ने शो कॉज नोटिस जारी किया है। नोटिस में एसडीओ (SDO) से पूछा गया है कि लॉकडाउन में आवाजाही पर प्रतिबंध होने के बावजूद आपने एक विधायक को राज्य से बाहर जाने के लिये पास कैसे जारी कर दिया?
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए एहतियाती कदम के बाद बिहार सरकार ने बिना राशन कार्डधारकों को भी 1000 रुपये देने की घोषणा को लेकर अब जनतांत्रिक विकास पार्टी (जविपा) ने अब सवाल उठाया है। जविपा ने सरकार से पूछा है कि आखिर यह आर्थिक मदद कब मिलेगी। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार सिर्फ घोषणा कर रही है, जबकि अभी काम करने की जरूरत है।
लॉक डाउन के दौरान नगर निगम की गाड़ी में हो रही थी शराब तस्करी। जोन 3 के कचरा वाहन से शराब ले जा रहा था ड्राइवर ,कचरा वाहन मैजिक और उसके ड्राइवर सोनू को पुलिस ने पकड़ा लिया।
नीलगंगा में थाना प्रभारी रहे यशवंत पाल का आज सुबह लगभग 5:00 निधन हो गया। पिछले 15 दिन से कोरोना पॉज़िटिव आने के बाद से उपचाररत थे। जिसका प्रारंभिक उपचार इंदौर अरविंदो हॉस्पिटल में चल रहा था। जहां उन्होंने आज सुबह लगभग 5:00 बजे आखरी सांस ली।
COVID-19: At least 25 people of Tamil news channel test positive in Chennai
100 families at President's Estate in self-isolation as sanitation worker's relative tests positive
India heaven for Muslims; their economic, religious rights secure: Naqvi after OIC criticism
83% of COVID patients who died in Delhi had co-morbidity: Kejriwal
Indore district reports 18 more COVID-19 cases; tally 915
UP CM asks medical authorities to examine plasma therapy in COVID-19 treatment, promote its use
Movement of people between Ghaziabad, Delhi banned: DM
With 552 new cases, Maharashtra's COVID-19 tally reaches 5,218
No new deaths, 75 more Covid cases in Delhi
Fire at hotel-turned-quarantine facility in Mumbai
Central team on COVID-19 claims lack of cooperation by Mamata govt
India's coronavirus case tally at 18,985; toll 603
West Bengal obstructing works of central teams: MHA
Dharavi reports 12 new COVID-19 cases with 1 death: BMC
Covid-19 patients recovery rate 17.48%, 1.24 cr out on prevention
दुनियाभर में पर्यावरण संरक्षण को समर्थन देने के लिए बुधवार को 'अर्थ डे' मनाया जा रहा है।
दुनियाभर में साल में दो दिन पृथ्वी दिवस मनाया जाता है (21 मार्च और 22 अप्रैल) लेकिन, 1970 से हर साल 22 अप्रैल को मनाए जाने वाले विश्व पृथ्वी दिवस का सामाजिक तथा राजनीतिक महत्व है। वैसे तो 21 मार्च को मनाए जाने वाले 'इंटरनेशनल अर्थ डे' को संयुक्त राष्ट्र का समर्थन हासिल है, लेकिन इसका वैज्ञानिक तथा पर्यावरण संबंधी महत्व ही है।
इसे उत्तरी गोलार्ध के वसंत तथा दक्षिणी गोलार्थ के पतझड़ के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। लेकिन, दुनिया के अधिकांश देशों में अब 22 अप्रैल को ही 'वर्ल्ड अर्थ डे' मनाया जाने लगा। दरअसल, यह दिवस अमेरिकी सीनेटर गेलार्ड नेल्सन की दिमाग की उपज है जो कई वर्षों से पर्यावरण को सभी के लिए एक राह खोजने में लगे थे।
वैसे तो ऐसे कई तरीके हैं जिससे हम अकेले और सामूहिक रूप से धरती को बचाने में योगदान दे सकते हैं। वैसे तो हमें हर दिन को पृथ्वी दिवस मानकर उसके संरक्षण के लिए कुछ न कुछ करते रहना चाहिए। लेकिन, अपनी व्यस्तता में व्यस्त इंसान यदि विश्व पृथ्वी दिवस के दिन ही थोड़ा बहुत योगदान दे तो धरती के कर्ज को उतारा जा सकता है।
पृथ्वी दिवस है। यदि यह खबर सोशल मीडिया में नहीं आती तो शायद ही किसी को याद भी आता। जागरूकता जगाने से पहले याद दिलाने की जिम्मेदारी भी समाचार माध्यमों के बाद सोशल मीडिया को ही उठाना पड़ती है, क्योंकि दुनिया भर में हर साल 22 अप्रैल को मनाया जाने वाला पृथ्वी दिवस अब महज औपचारिकता से ज्यादा कुछ नहीं बचा।
पृथ्वी बहुत व्यापक शब्द है जिसमें जल, हरियाली, वन्यप्राणी, प्रदूषण और इससे जु़ड़े अन्य कारक भी हैं। धरती को बचाने का आशय है इसकी रक्षा के लिए पहल करना। न तो इसे लेकर कभी सामाजिक जागरूकता दिखाई गई और न राजनीतिक स्तर पर कभी कोई ठोस पहल की गई। दरअसल पृथ्वी एक बहुत व्यापक शब्द है, इसमें जल, हरियाली, वन्यप्राणी, प्रदूषण और इससे जु़ड़े अन्य कारक भी शामिल हैं।
धरती को बचाने का आशय है इन सभी की रक्षा के लिए पहल करना। लेकिन इसके लिए किसी एक दिन को ही माध्यम बनाया जाए, क्या यह उचित है? हमें हर दिन को पृथ्वी दिवस मानकर उसके बचाव के लिए कुछ न कुछ उपाय करते रहना चाहिए।
इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि पृथ्वी दिवस को लेकर देश और दुनिया में जागरूकता का भारी अभाव है! सामाजिक या राजनीतिक दोनों ही स्तर पर इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाए जाते। कुछ पर्यावरण प्रेमी अपने स्तर पर कोशिश करते रहे हैं, किंतु यह किसी एक व्यक्ति, संस्था या समाज की चिंता तक सीमित विषय नहीं होना चाहिए! सभी को इसमें कुछ न कुछ आहुति देना पड़ेगी तभी बात बनेगी।
पृथ्वी के पर्यावरण को बचाने के लिए हम ज्यादा कुछ नहीं कर सकते, तो कम से कम इतना तो करें कि पॉलिथीन के उपयोग को नकारें, कागज का इस्तेमाल कम करें और रिसाइकल प्रक्रिया को बढ़ावा दें.. क्योंकि जितनी ज्यादा खराब सामग्री रिसाइकल होगी, उतना ही पृथ्वी का कचरा कम होगा।
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