बसंत उत्सव एवं निराला जयंती पर आयोजित काव्य समारोह
बसंत उत्सव एवं निराला जयंती पर आयोजित काव्य समारोह
बसन्त पंचमी के उपलक्ष्य में साहित्य विकास समिति, बिन्दकी के बैनर तले काव्य समारोह का आयोजन महरहा रोड स्थित श्रीमती महेश्वरी पाण्डेय के आवास में आयोजित हुआ जिसमें उन्नाव, हमीरपुर, कानपुर आदि जनपदों से आगमन हुआकार्यक्रम की अध्यक्षता डा0 ब्रजमोहन पाण्डेय तथा संचालन कुमार सौष्ठव ने किया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में नारायन प्रसाद रसिक, नरेन्द्र आनन्द एवं अखिलेश चन्द्र शुक्ल ने शिरकत की। वाणी वंदना साहित्य विकास समिति बिन्दकी के तत्वाधान में हर वर्ष की भांति जनपद के ख्यातिलब्ध एवं वरिष्ठ साहित्यकार श्री शिवशरण सिंह "अंशुमाली"जी का बिन्दकी साहित्य सम्मान-2019 एवं युवा प्रतिभा डाँ बृजेन्द्र अग्निहोत्री जी का साहित्य प्रतिभा सम्मान-2019से समिति के सदस्यों द्वारा अंगवस्त्र,प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
अनिल तिवारी निर्झर ने करके कार्यक्रम की शुरूआत की जिसके बाद फतेहपुर से पधारे रामअवतार गुप्त ने बसंत पर अपने भाव कुछ इस प्रकार व्यक्त किया :- "जीवन से जाये नहीं अब फिर कभी बसन्त” हमीरपुर से पधारे नारायण प्रसाद रसिक ने अपनी अभिव्यक्ति इस प्रकार व्यक्त कि :- "कभी आइए पगडंडी से होकर मेरे गांव में, कितनी कांटे चुभे दिखाउँ हर किसान के पांव में”, उन्नाव से आये नरेन्द्र आनन्द ने पढ़ा :- "हृदय विस्तार अम्बर सदृश जिनका, व्याप्त अन्तस प्राण वसुधा में रहा कण-कण निराला”, खागा से उपस्थित हुए वरिष्ठ साहित्यकार डा0 बृजमोहन पाण्डेय विनीत ने कहा :- "अरे जवानों शपथ तुम्हें है, गांधी के बलिदान की, बिगड़ रही तस्वीर तुम्हारे प्यारे हिन्दुस्तान की” नगर के वरिष्ठ साहित्यकार देवदत्त आर्य ने अपने उद्गार कुछ यूं व्यक्त किये :- "तुम लुटाओ स्नेह जीवन के परमधन मैं जलूंगा दीप बनकर मुस्कुराते” युवा शायर हयातउल्ला नजमी ने पढ़ा :- तुम किसी और तजस्सुस में पड़े हो वरना, आईना देखने वाले तो सुधर जाते हैं इसके अलावा रज्जनलाल श्रीवास्तव, वासुदेव अवस्थी, वेद प्रकाश मिश्र, भारत सिंह सरस, संजीव तिवारी पिंटू, राजकुमार गुप्त नलिन, अनिल तिवारी निर्झर, डा0 ब्रजेन्द्र अग्निहोत्री, शिवशरण सिंह चौहान अंशुमाली, श्रीमती प्रज्ञा शर्मा, भइया जी अवस्थी करूणाकर, गौरव सिंह अबोध, अखिलेश चन्द्र शुक्ल, धर्मचन्द्र मिश्र कट्टर, मनीष तिवारी, आनन्द स्वरूप श्रीवास्तव, रामऔतार गुप्त, ज़मीरुल कासिम, कृष्ण कुमार नवीन, मृत्युंजय पाण्डेय, गंगा प्रसाद यादव, उमाशंकर ओमर एवं शिवदत्त त्रिपाठी आदि कवियों एवं साहित्यकारों ने समाज के विभिन्न पहलुओं पर अपने-अपने विचार कविताओं के माध्यम से प्रस्तुत किये। इस मौके पर समिति के सदस्यों मृत्युंजय पाण्डेय, सूरजबली विश्वकर्मा, धर्मेन्द्र आर्य, संजय मिश्र, राजकुमार सोनी, सुरेन्द्र गुप्त, कृष्णकान्त दीक्षित, हयातउल्ला नजमी, सुरेश अवस्थी, दीपक गुप्ता ‘दीपू' ने कार्यक्रम को सुचारू-रूप से संचालित करने में महती भूमिका निभाई। कार्यक्रम में गणमान्य नागरिक विनोद द्विवेदी, रामेश्वर दयाल ‘दयालू’, शिवशंकर शुक्ला, अरूण विवेदी एडवोकेट, संतोष निगम, रामबली यादव, वसीम खान, रमाशंकर दीक्षित प्रधानपति, डा0 ओम प्रकाश एवं वीरेन्द्र दुबे आदि ने उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाया।
ब्यूरोचीफ फतेहपुर मृत्युंजय पाण्डेय
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